हमने बहुत कुछ पाया है अलबता कुछ खोया भी है,भाषण देने से देश का विकास नहीं होता बल्कि काम करने से विकास होता है । लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति ने नैतिकता का अवमूल्यन किया है,इस पद्धति ने बाबूओ और साहबो को पैदा किया है। आज देश फिर से बुनियादी शिक्षा पद्धति को अपना कर बीबीए और बीसीए जैसे कोर्स संचालित करने लगा है । जब जब हमने अपने मूल को भूलने का प्रयास किया है ,हमारी अवनति हुई है । हमारे यहाँ की शिक्षा की गुणवता में कोई कमी नहीं है ,जो विसंगतियाँ है वे सिर्फ सिस्टम की कमी के कारण है। आपको बता देना चाहता हूँ कि देश के प्रयोगशाला में जितना प्रयोग नहीं हुआ है उससे ज्यादा हमारे शिक्षा पद्धति में सुधार के लिए प्रयोग किये गये है,इसी वजह से देश की शिक्षा व्यवस्था की रीढ ,गुरूकुल पद्धति खत्म हो गयी। देश में समान शिक्षा नीति लागू कर दी गयी है ,लेकिन आप ही बताइये कितने उच्चस्तरीय लोग मुनिस्पल स्कूलो में अपने बच्चो को पढाते है ।
उपर्युक्त बाते बीआरए. बिहार विश्वविद्यालय मुज़फ्फरपुर के कुलपति डॉ.विमल कुमार ने शनिवार को नरकटियागंज टीपी वर्मा कॉलेज में बीसीए लैब के उद्घाटन और संस्थापक तारकेश्वर प्रसाद वर्मा उर्फ राटा बाबू की प्रतिमा का अनावरण के उपरान्त आयोजित समारोह में बोलते हुए कही। उन्होने कहा कि आज के युवा के आकांक्षा के अनुरूप हम काम नहीें कर पाये है ,पढायी के उपरान्त उनका भविष्य असुरक्षित है ,इसलिए वे आक्रोशित हैं। उन्होने सरकारी पद्धति को दोषी करार देते हुए कहा कि सरकारी नीतियो के विरूद्ध एक कुलपति कोई कदम नहीं उठा सकता है । इसलिए जो प्रस्ताव प्राचार्य के पास है वे मेरे कार्यालय तक भेजे मैं उसकी अनुमति अवश्य दूंगा। आज शिक्षा के लिए सबसे दुःखद बात यह है कि क्लासरूम टीचिंग खत्म हो गयी है,उसे चालू करना आवश्यक है । आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि हम साल भर मेहनत करते है और तीन माह का वेतन टैक्स में चला जाता है । महिला कॉलेज के सम्बधन की बात सामने आयी है उसकी फाईल भेजवाइए मेरे यहाँ कोई फाइल नहीं रूकती है प्रक्रिया के तहत कार्य करूंगा। उन्होने ने कहा की मै सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो को आश्वस्त करना चाहता हँू कि महिला महाविद्यालय की मान्यता शीघ्र मिलेगी । टीपी वर्मा कॉलेज के खेल के मैदान मामले पर मेरा नैतिक समर्थन है ,लेकिन सरकारी तंत्र को दुरूस्त करना मेरे वश मे नहीं है । मैं चाहंूगा कि खेल के मैदान का उद्घाटन करने मै एक बार फिर से नरकटियागंज पहुंचु।
जबतक भेदभावक मूलक समाज नही बनेगा तबतक भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगाया जा सकता । प्राचार्य डॉ. प्रोे. राम प्रताप नीरज ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो से बरामदे की छत बनवाने की मांग की और कुलपति डॉ. विमल कुमार से बायो टेक्नोलॉजी और माइक्रो बायोलॉजी की पढायी की मांग की । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रामप्रताप नीरज और संचालन प्रो.विनोद कुमार वर्मा ने किया ,इस दौरान संस्थापक संरक्षक उमेश प्रसाद वर्मा (पूर्व मंत्री ,बिहार)को कुलपति ने प्रशस्तिपत्र और शॉल प्रदान कर सम्मानित किया। डॉ प्रो. सफल कुमार मि़श्र की पुस्तक “हील स्ट्रीम फीसेज एलॉन्ग दी इण्डो नेपाल बॉर्डर “का विमोचन कुलपति डॉ. विमल कुमार ने किया। इनके अलावे एमएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उपेन्द्र कुँवर एमजेके कॉलेज के डॉ.ओमप्रकाश सिंह,आरएलएसवाई कॉलेज के प्राचार्य डॉ.ओमप्रकाश यादव बीसीए के कोआर्डिनेटर डॉ सफल कुमार मिश्र ,डॉ.अशोक कुमार गुप्ता ,डॉ.उपेन्द्र तिवारी समेत महाविद्यालय परिवार के तमाम कर्मी मौजूद रहे ।
स्थानीय टी पी वर्मा कॉलेज के सभामंच पर जैसे ही बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विमल कुमार भाषण देने पहुँचे छात्र जद यु के मनौवर आलम के नेतृत्व मे छात्रो का जत्था छात्रसंघ का चुनाव कराने,शैक्षणिक कैलेण्डर सख्ती से लागू करने एमए भोकेशनल कोर्स की परीक्षा बेतिया में लेने,़शिक्षको के रिक्त पद पर स्थायी नियुक्ति करने एमजेके कॉलेज के अल्पसंख्यक छात्रावास निर्माण में 40 लाख के घोटाले की जॉंच की मांग के साथ 9 सूत्री मांगो के समर्थन में उनके विरूद्ध नारेबाजी की । इसपर मंच पर मौजूद जद यु के सांसद बैद्यनाथ प्रसाद महतो ने हस्तक्षेप कर छात्रो को शांत कराया और पुलिस के हिमांशु कुमार सिंह अपने सहकर्मियों के साथ पहुँच मनौवर आलम,शाहनवाज रिजवान,रविकेश गौरव,डॉ.सागर श्रीवास्तव,भोला जायसवाल,अमित बनर्जी,नदीम अख्तर,सोनु कुमार गुप्ता को लेकर सभा में व्याप्त हंगामा को शांत कराया । इसके पूर्व छात्र जद यु के कार्यकर्ताओं ने सभी को अपना मांग पत्र दिया जो प्रधान सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय व कुलपति को संबोधित था। दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सुदिष्ट कुमार के नेतृत्व में 7 सूत्री मांगो के समर्थन में कुलपति को ज्ञापन दिया। जिसमें मुलप्रमाण पत्र इण्टर का देने मे महाविद्यालय की जा रही 50रूपये कटौती का विरोध किया गया है,और बायोटेकनॉलॉजी की पढायी नरकटियागंज में प्रारंभ करने की बात कही गयी हेै।
(अवधेश कुमार शर्मा)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें