मध्य प्रदेश के यात्रियों को चार धाम यात्रा करवाकर लौट रही यात्रियों से भरी बस गंगा नदी में गिर जाने से कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई बस सहित गायब बताए जा रहे हैं। घटना का पता चलते ही पुलिस प्रशासन के साथ-साथ शासन में भी हड़कंप मच गया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंथलोर (मध्य प्रदेश) के 45 यात्रियों जिनमें 20 पुरूष, 21 महिलाएं व 4 स्टाफ को लेकर बीती 13 मई को ऋषिकेश से चार धाम यात्रा के लिए बस निकली थी, जो मंगलवार दोपहर चार धाम यात्रा करने के बाद श्रीनगर से ऋषिकेश के लिए वापस आ रही थी। बस दोपहर में जैसे ही देवप्रयाग से कुछ दूरी पर पहुंची की तभी बस का चालक अपना नियंत्रण खो बैठा और बस यात्रियों सहित गंगा नदी में समा गई। बस के नदी में गिरते ही यात्रियों में कोहराम मच गया और किसी स्थानीय व्यक्ति ने बस के गिरने की सूचना पुलिस के साथ-साथ 108 आपातकालीन सेवा को भी उपलब्ध कराई। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर जा पहुंचा और गहरी खाई से स्थानीय लोगों की मदद से आधा दर्जन से अधिक लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। जबकि घटना स्थल से पुलिस ने आठ शवों को बाहर निकालने का काम कर लिया था और अन्य लोगों की तलाश गोताखोरों की टीम से की जा रही थी।
चार धाम यात्रा के दौरान यह अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना मानी जा रही है, वहीं चार धाम यात्रा की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना स्थल पर राहत कार्य को देखते हुए एंबुलेंस की मांग प्रशासन से की गई है और प्रथम चरण में एंबुलेंस के माध्यम से 21 लोगों को खाई से निकालकर जिला चिकित्सालय रैफर किया गया है, रैफर किए गए लोगों में कई लोगों की सांसे चल रही थी जिस कारण पुलिस अभी मरने वालों की पुष्टि नहीं कर सकी थी। लेकिन इस घटना ने चार धाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सरकारी मशीनरी की पोल भी खोलकर रख दी है। घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं। वहीं टिहरी कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार बस में कुल 45 लोग सवार थे और यह बस चार धाम यात्रा कर वापस लौट रही थी। घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक, भगत सिंह कोश्यारी सहित कई अन्य नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
(राजेन्द्र जोशी)
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