अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की अफगानिस्तान यात्रा के कुछ देर बाद राजधानी काबुल में दो विस्फोट हुए। काबुल के पुलिस प्रमुख के अनुसार जलालाबाद सड़क इलाके में एक आत्मघाती कार बम विस्फोट हुआ जहां पर कई विदेशी सैन्य ठिकाने हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल वहां से हताहतों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिली है। काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास ने बताया कि दूतावास बंद कर दिया गया है और कर्मचारियों को सतर्क रहने को कहा गया है।
ओबामा गोपनीय तरीके और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रात में वहां पंहुचे और राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ एक समझौता किया। समझौते में नाटो सैनिकों के 2014 में वहां से हटने के बाद 10 साल के लिये अमेरिकी मदद की प्रतिबद्धता जताई गई है। इस समझौते में अफगानिस्तान के सामाजिक आर्थिक प्रगति, सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग के लिये अमेरिकी प्रतिबद्धता की बात कही गई है। साथ ही अफगानिस्तान द्वारा जवाबदेही, पारदर्शिता और अफगान लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा को शामिल किया गया है।
यह समझौता दोनो देशों द्वारा कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता है। इस समझौते के तहत लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा, सुरक्षा को आधुनिक बनाना, क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाना औरर सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता शामिल है। समझौते में कहा गया है कि अमेरिका अफगानिस्तान में अपने स्थाई सैन्य शिविर नहीं बनाने वाला है। हालंकि इस समझौते के तहत 2014 के बाद अफगान सेना को प्रशिक्षण देने और अल कायदा के बचे हुये ठिकानों के खात्मे के लिये अमेरिकी सेना की मौजूदगी की संभावना है।
व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि इस समक्षौते के तहत किसी भी तरह का कोष या बल को प्रदान करने की बात अभी नहीं कही गई है। यह निर्णय अमेरिकी कांग्रेस के साथ सलाह के बाद ही किये जायेंगे। हालांकि अमेरिका, समझौते के तहत अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सेना को प्रशिक्षण व सलाह और समाजिक आर्थिक सहयोग के लिये वार्षिक रूप से धन मुहैया कराने के लिये प्रतिबद्ध है।
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