एक गरीब के काम आये राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद। वे अपने पैसे से लकी का इलाज करायेंगे। बताते चलें कि पेशे से मजदूर संतोष कुमार ने अपने ढाई वर्षीय बेटे का नाम लकी कुमार रखा, लेकिन उनका मासूम पुत्र जल्द ही भयंकर बीमारी के चपेट में आ गया। चिकित्सकों ने उसके दिल में छेद होने की बात कही। जबतक संतोष के पास पैसे थे, उसने अपने बेटे का इलाज एक निजी अस्पताल में कराया। पर जब कोई फ़ायदा नहीं हुआ और फ़िर उसके पैसे खत्म हो गये तो चिकित्सकों ने पीएमसीएच के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में जाने की सलाह दी। जहां एक बार फ़िर चिकित्सकों ने लकी को दिल्ली के एम्स में ले जाने की सलाह दी।
पैसे की कमी होने के कारण संतोष कुमार अपने बेटे को दिल्ली ले जाने में असफ़ल रहा। उसने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री, स्थानीय विधायक अरूण कुमार सिन्हा से लेकर रामविलास पासवान तक से गुहार लगायी, लेकिन किसी ने भी उसकी पुकार नहीं सुनी। उसके पास श्रम विभाग द्वारा दिया गया स्मार्ट कार्ड भी था, लेकिन अस्पतालों में उस कार्ड की कोई अहमियत नहीं होने से उसे निराश हो जाना पड़ा। इस संबंध में एक स्थानीय अखबार द्वारा समाचार प्रकाशित किये जाने के बाद सूबे के श्रमिक संगठनों ने श्रम विभाग के खिलाफ़ धरना प्रदर्शन भी किया। लेकिन संतोष के बेटे लकी का इलाज तब भी संभव नहीं हुआ।
संतोष ने कल दिल्ली रवाना होने से पहले अपना बिहार को बताया कि उसे कुछ लोगों ने लालू प्रसाद के बारे में बताया कि वे अभी पटना में हैं, जाकर मिल लो। संतोष ने बताया कि लालू जी ने उसके बेटे का जीवन बचाने का वादा किया है। उन्होंने अपने पैसे से इलाज कराने की बात कही है। उन्होंने पांच हजार रुपये पटना से दिल्ली आने और फ़िर अपने आवास 25 जनपथ का पता दिया है।
साभार : अपना बिहार डोट ओ आर जी
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