राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सोमवार को आरोप लगाया कि बिहार में वर्तमान नीतीश सरकार मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने का प्रयास कर रही है और वह इसके खिलाफ मुहिम चलायेंगे।
लालू ने यहां कहा कि नीतीश सरकार सरकारी विज्ञापनों के नाम पर बिहार में प्रेस की आजादी का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। राजद इसके खिलाफ मुहिम चलायेगा। पार्टी विभिन्न अखबारों के संपादकों से मिलकर स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करने का अनुरोध करेगी।
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू ने इसकी छानबीन के लिए एक समिति भी बनाई है। राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश सरकार के कार्यकाल में न निवेश हुआ है न ही एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ है। शिक्षा के हालात भी बदतर हैं और गुणवत्ता गिरती जा रही है।
राजद बुद्धिजीवियों की तथ्यान्वेषण समिति बनायेगा और जनता के समक्ष सचाई पेश करेगा। लालू ने कहा कि पूर्ववर्ती राजद सरकार में मीडिया के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया गया। मुख्यमंत्री निवास में मीडियाकर्मियों को बेधड़क आवाजाही की स्वतंत्रता थी। आज कोई पत्रकार सरकार की नाकामी या घोटाले का खुलासा करता है, तो सरकार के दबाव में उस पर कार्रवाई होती है। लालू यादव ने कहा कि मैं हमेशा प्रेस की आजादी का हिमायती रहा हूं। कांग्रेस के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र ने जब प्रेस विधेयक पेश किया तो उसका विरोध मैंने किया। प्रेस को ईमानदारी और जवाबदेही के साथ अपना काम करना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ जदयू के विधायक आपराधिक कांडों को अंजाम दे रहे हैं। गोपालगंज में शराब व्यवसायी की हत्या और पटना में रंगदारी वसूली में जदयू के विधायकों का नाम आ रहा है लेकिन मुख्यमंत्री को उनके खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत नहीं हो रही है। केवल 15 वर्ष राजद के कार्यकाल का नाम लेकर कोसने से जनता को धोखा नहीं दिया जा सकता। अपने कर्मो से बिहार की राजग सरकार जाने वाली है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें