डाक विभाग ने डाक घरों में 1000 एटीएम स्थापित करने तथा डाकघरों को बैंकों में तब्दील करने की योजना बनाई है, ताकि देश के विशाल पोस्टल नेटवर्क की सहायता से, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की सुविधा से वंचित आबादी को कोर बैंकिंग की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि देश में 154,688 डाक घर हैं और यह दुनिया का एक विशाल डाक नेटवर्क है। उन्होंने जनार्दन वाघमरे के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इन डाक घरों में से 25,154 विभागीय डाक घर हैं और शेष ग्रामीण इलाकों में स्थित तथा ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा प्रबंधित डाक घर हैं।
सिब्बल ने बताया कि इन डाक घरों की संख्या इन्हें कंप्यूटरीकत किए जाने और बैंकों में तब्दील किए जाने पर दोगुनी हो सकती है। उन्होंने डी बंदोपाध्याय के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि 31 मार्च की स्थिति के अनुसार, 24,969 विभागीय डाक घरों को कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है। इनमें से 19,890 को नेटवर्क संपर्क भी मुहैया कराया जा चुका है।
सिब्बल के अनुसार, ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा प्रबंधित डाक घरों को एक व्यापक सूचना प्रौद्योगिकी परियोजना के तहत कंप्यूटरीकत किया जाएगा और इसके लिए।,877.2 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। उन्होंने कहा डाक घरों में कोर बैंकिंग की शुरुआत तथा।,000 एटीएम स्थापित किया जाना भी इसी परियोजना का हिस्सा है।
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने बताया कि डाक घरों को बैंकों में तब्दील करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को एक आवेदन दिया गया है। इसके कार्यान्वयन के बाद, देश में बैंकिंग नेटवर्क तीन गुना अधिक हो जाएगा।
सिब्बल ने बताया कि डाक घर में वित्तीय सेवाओं पर आने वाला खर्च बैंक की एक शाखा की स्थापना पर होने वाले खर्च की तुलना में बहुत कम होगा। इसके अलावा डाक घरों को ग्रामीण उत्पादों की खरीदी तथा मनरेगा जैसी योजनाओं से जोड़ने पर इनकी संख्या भी दोगुना की जा सकती है।
उन्होंने राजीव प्रताप रूडी के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यूआईडीएआई को लेकर चल रही समस्याओं का हल किया जा चुका है और भारतीय डाक से भेजने के लिए 12 करोड़ आधार कार्ड बुक किए गए हैं। इनमें से आठ करोड़ कार्ड पहले ही भेजे जा चुके हैं।
सिब्बल ने बताया कि प्रोजेक्ट एरो के माध्यम से डाक घरों के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन का कार्य किया जा रहा है। साथ ही इनके परिवेश और संरचना में तथा डाक वितरण जैसे मुख्य क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार किया जा रहा है। इसके तहत 1759 डाक घरों का उन्नयन किया गया है और प्रमुख निगरानी घटक के तहत 15595 डाकघरों को कवर किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट एरो के लिए वर्ष 2012-13 में 84 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं जबकि पिछले साल यह राशि 25 करोड रुपये थी।
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