सिनेमा के पर्दे पर सशक्त भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री शबाना आजमी का कहना है कि समाज की बेहतरी के लिए यह निर्देशकों की जिम्मेदारी है कि वह फिल्मों में महिलाओं को सही अर्थों में पेश करे।
उन्होंने कहा, '''आज के समय में जब लड़कियों को जन्म के समय पर सिर्फ इसलिये मार दिया जाता है कि वे लड़कियां हैं तो ऐसे समय में सिनेमा की यह जिम्मेदारी है कि महिलाओं की सकारात्मक छवि पेश करे। ताकि लोग लड़कियों को बोझ न समझें।''
शबाना ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हर फिल्म में महिला सशक्तिकरण की बात कही जाए लेकिन अंतर्निहित संदेश को मनोरंजन के आवरण में पेश किया जाए। वैसे भी बॉलीवुड में महिलाओं की भूमिका में परिवर्तन देखा गया गया। विद्या बालन की 'डर्टी पिक्टर' एवं 'कहानी' इसकी गवाह हैं।
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