यूनान के प्राचीन ओलंपिया में बृहस्पतिवार को ओलंपिक मशाल प्रज्वलित की गई. इसके साथ ही लंदन ओलंपिक खेलों की रंगारंग और पारम्परिक समारोह के साथ औपचारिक शुरुआत हुई. मशाल प्रज्वलित समारोह के दौरान करीब ढाई हजार साल पुराने हेरा मंदिर में प्राचीन यूनानी पोशाक में कलाकारों ने नृत्य पेश किया और इस मौके पर मशाल सूरज की रोशनी से जलाई गई. ओलंपिक खेलों की यह मशाल यूनान और ब्रिटेन का दौरा करेगी.
इस समारोह में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष जैक रोगे और लंदन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सेबस्टियन को भी मौजूद थे. सेबस्टियन को ने कहा, ‘हम वादा करते हैं मशाल के गौरव को इस तरह से बरकरार रखेंगे कि ब्रिटेन और पूरी दुनिया को इस पर गर्व हो सके.’
लंदन ओलंपिक खेलों की मशाल रिले के पहले धावक के रूप में यूनान के लीवनपूल में जन्मे तैराक स्पायरस जियानियोटिस को सौंपी गई. इस तैराक ने यह मशाल 19 साल के ब्रिटिश मुक्केबाज एलेक्जेंडर लुकोस को दी. इस समारोह के साथ ही एक हफ्ते तक चलने वाली मशाल रिले शुरू हो गई. यह मशाल यूनान के पांच प्रमुख पुरातात्विक ऐतिहासिल स्थलों का दौरा करने के बाद यूनान के ऐतिहासिक ओलंपिक स्टेडियम जाएगी जहां 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक खेल आयोजित किए गए थे. ब्रिटेन का एक प्रतिनिधिमंडल 17 मई को यह ओलंपिक मशाल ग्रहण करेगा.
लंदन ओलंपिक खेलों की मशाल ब्रिटेन और आयरलैंड का दौरा करने के बाद 27 जुलाई को लंदन ओलंपिक स्टेडियम ले जाई जाएगी जहां से इसका सीधा प्रसारण दुनिया भर में किया जाना है. इस बार मशाल को दुनिया के अन्य देश में नहीं ले जाया जा रहा है. बीजिंग ओलंपिक खेलों में चीन विरोधी आंदोलनों के चलते इस मशाल को अन्य देशों में नहीं ले जाया जा रहा है. ब्रिटेन में इस मशाल की यात्रा 19 मई से शुरू होगी. यह मशाल ब्रिटेन में 12,875 किलोमीटर का रास्ता तय करेगी. ब्रिटेन से बाहर एक मात्र देश आयरलैंड में यह मशाल 3 से 7 जून तक यात्रा करेगी.
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