गुजरात दंगों के मामले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की परेशानियां खत्म नहीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के अमाइकस क्यूरी (कोर्ट मित्र) राजू रामचंद्रन ने एसआईटी रिपोर्ट से असहमति जताते हुए कहा है कि 2002 के दंगों में मोदी की भूमिका को देखते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए। राजू रामचंद्रन ने कोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि उनकी राय में मोदी को क्लीन चिट देना गलत है। उन्होंने कहा है कि वह एसआईटी की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं। रामचंद्रन ने कहा है कि उनके हिसाब से दंगों में मोदी की भूमिका के लिए उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
एसआईटी ने आज गुलबर्ग सोसाइटी दंगे पर अपनी भारी भरकम रिपोर्ट शिकायतकर्ता जाकिया जाफरी को सौंपी। दस्तावेज में जस्टिस राजू रामचंद्रन की मामले में सौंपी गई स्वतंत्र रिपोर्ट भी शामिल है। मेट्रोपॉलिटन अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 10 मई तक के लिए टाल दी है। 10 अप्रैल को हुई अंतिम सुनवाई के दौरान अदालत ने एसआई को अपनी रिपोर्ट, सारे संबंधित दस्तावेजों के साथ 10 मई से पहले जाकिया को सौंपने का निर्देश दिया था।
जाकिया ने मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 57 अन्य पर 2002 दंगों में आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम. एस. भट की अदालत में विशेष जांच टीम ने यहां जाकिया को रिपोर्ट सौंपी। 541 पन्नों की रिपोर्ट में 68 खंड, 2200 संलग्नक, 25 सीडी और 89 पन्नों की सूची है। एसआईटी द्वारा मामले को बंद करने वाली सौंपी रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया अब विरोध याचिका दायर कर सकती हैं। गुजरात में 2002 के गोधरा कांड के बाद हुए इन दंगों में जाकिया के पति और पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोग मारे गए थे।
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