उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती पर आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर फैसले को सुरक्षित रखा है। मायावती ने इस संबंध में सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका दायर की थी।
पी सतशिवम के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने दो घंटों तक चली सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रखा। अपने खिलाफ इस मामले के लिये मायावती ने सीबीआई पर फिक्सिंग का आरोप लगाया।
मायावती ने मई 2008 में सीबीआई द्वारा दर्ज किये गये आय से अधिक संपत्ति मामले में आपराधिक प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में इस मामले को राजनीतिक बदले की भावना से उपज बताया था।
मायावती के वकील ने कहा कि पीठ को सीबीआई को निर्देशित करना चाहिये कि वह आयकर विभाग ट्रिब्यूनल द्वारा संपत्ति को जायज ठहराये जाने संबंधी आदेश पर गौर करे। इस आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा भी बरकरार रखा गया है। सीबीआई ने पिछली सुनवाई में कहा था कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं जिससे साबित होता है कि उन्होंने अपने ज्ञात आय के स्रोतों से अर्जित आय से अधिक धन इकट्ठा किया है। मायावती का दावा है कि उनको यह रकम पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा दान के रूप में मिली है। मायावती की संपत्ति पर सवाल उठाते हुये सीबीआई ने कहा था कि 2003 में उनके द्वारा घोषित एक करोड़ की संपत्ति 2007 में 50 करोड़ तक पहुंच गई।
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