पूर्व सांसद साधु यादव के खिलाफ पटना की एक अदालत ने भय व्याप्त कर सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में आरोप गठित कर दिया है. पूर्व सांसद व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साले अनिरुद्ध प्रसाद उर्फ साधु यादव के खिलाफ पटना की एक अदालत ने भय व्याप्त कर सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में आरोप गठित कर दिया है.
पटना व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी रवि रंजन ने पुलिस से इस मामले में गवाहों को पेश करने को कहा है. अदालत ने उन्हें इस मामले में जमानत दे दी थी.
अदालत ने उनके खिलाफ विगत वर्ष 5 नवंबर को गैरजमानती वारंट जारी किया था. साधु यादव के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने की प्राथमिकी परिवहन विभाग के तत्कालीन सचिव एनके सिन्हा ने 29 जनवरी, 2001 को दर्ज करायी थी.
सचिव ने अपनी शिकायत में कहा था कि साधु यादव अपने 10-15 समर्थकों के साथ 18 जनवरी, 2001 को उनके चैम्बर में घुस गये और एक कर्मचारी के स्थानांतरण को लेकर जबरन आदेश पारित करने को कहा. साधु यादव के कमरे में घुसने के समय विभागीय बैठक चल रही थी और कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
श्री सिन्हा ने इस मामले में साधु यादव के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. इस मामले में साधु यादव ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत से 13 फरवरी, 2001 को जमानत ले चुके थे, लेकिन अदालत में पेश नहीं होने के कारण उनका जमानत निरस्त कर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था. पुलिस ने इस मामले की जांच कर पिछले 14 मार्च को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया एवं अदालत ने इस मामले का 22 फरवरी, 2002 को संज्ञान लिया था. उनके खिलाफ 27 जुलाई, 2011 को जमानती वारंट जारी किया गया था.
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