आरुषि-हेमराज हत्याकांड में अदालत ने राजेश और नूपुर तलवार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। आरुषि हत्याकांड में तलवार दंपत्ति पर हत्या और साक्ष्य मिटाने का आरोप तय कर दिया गया है। गाजियाबाद कोर्ट ने ये आरोप तय किए हैं। तलवार दंपत्ति पर सबूत मिटाने का भी आरोप तय किया गया है। वहीं, राजेश तलवार पर झूठी जानकारी देने का आरोप भी तय किया गया है। चार साल के बाद इस हत्याकांड में आरोप तय किया गया है।
अब इस मामले में शुक्रवार से मुकदमा शुरू कर दिया जाएगा। सीबीआई की गाजियाबाद स्थित विशेष अदालत ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति को आरोपी बनाने पर फैसला सुनाया। बुधवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली गई थी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि उक्त मामले में तलवार दंपती ने पुलिस और कोर्ट को झूठे बयान देकर गुमराह किया है।
सीबीआई के अभियोजक आरके सैनी ने इस मामले में आरोपी आरुषि के माता-पिता नूपुर और राजेश तलवार पर हत्या, षड्यंत्र और सबूत मिटाने का आरोप तय करने पर जोर दिया। अभियोजन पक्ष के वकील ने दावा किया कि आरुषि को उसके माता-पिता ने ही मारा। साथ ही यह भी कहा कि सीबीआई की ओर से इस मामले में पहले दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को आरोप-पत्र में बदल दिया जाए। सीबीआई ने कहा कि तलवार दंपति ने अपना अपराध छिपाने के लिए घटनास्थल से सबूत मिटा दिए।
बचाव पक्ष के वकील सत्यकेतु सिंह ने अदालत में कहा कि जांच एजेंसी हत्या के पीछे का मकसद बताने में विफल रही है। सीबीआई की ओर से दिसम्बर, 2010 में दाखिल क्लोजर रिपोर्ट से जाहिर होता है कि उसके पास तलवार दम्पत्ति के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इस मामले से तलवार दम्पत्ति को बरी करने का अनुरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि न तो कोई प्रत्यक्ष अथवा परिस्थितिजन्य साक्ष्य आरोप तय करने की सीबीआई की दलील का समर्थन करते हैं।
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