शीघ्र होगी एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की स्थापना - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 मई 2012

शीघ्र होगी एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की स्थापना

उत्तराखण्ड में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं: बहुगुणा


‘‘किसानों को अब उनकी फसल का उचित दाम दिलाने के लिए शीघ्र ही प्रदेश में एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड की स्थापना की जायेगी। इस बोर्ड के गठन होने से प्रदेश के किसानों को उनके उत्पादों को विपणन करने में सहायता मिलेगी। वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी शामिल किया जायेगा। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमी अधिक से अधिक उद्योग पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित करें।’’ यह बात मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंगलवार को सचिवालय में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमियों के साथ बैठक के दौरान कही।

मुख्यमंत्री बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखण्ड में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है। उद्यमी इस क्षेत्र में आगे आये और पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक उद्योग लगाये। उन्होंने कहा कि किसानों और उद्यमियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड का गठन किया जायेगा। इस बोर्ड को शीघ्र ही क्रियाशील किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गढ़वाल व कुमायूं मण्डल में फूड पार्क स्थापित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ी बहुगुणा ने उद्यमियों को आह्वान किया कि वे यहां खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यम लगाये, जिसके लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगांेे को भी शामिल किया जायेगा, ताकि स्थानीय युवा इसका भी लाभ उठा सके। मुख्यमंत्री  बहुगुणा ने कहा कि नेशनल मिशन ऑन फूड प्रोसेसिंग योजना के तहत भी अधिक से अधिक प्रस्ताव तैयार किये जाय। यह योजना 1 अप्रैल, 2012 से लागू हो गई है, जिसके तहत योजना लागत का 75 प्रतिशत केन्द्र सरकार तथा 25 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। इस योजना के तहत सूचना प्रौद्योगिकी के सुदृढ़ीकरण, स्थापना अथवा आधुनिकीकरण के लिए 75 लाख रुपये लागत तक की योजना पर 33 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार मानव संसाधन विकास के लिए भी अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री बहुगुणा ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित होने से पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रूकेगा। साथ ही स्थानीय युवाओं को उनके घर के पास ही रोजगार के अवसर मिल सकेंगे।

बैठक में कुमायूं गढ़वाल चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री उत्तराखण्ड के अध्यक्ष विकास जिंदल ने मुख्यमंत्री को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को गति देने के लिए एसोसियेशन की ओर से सुझाव दिये। जिंदल ने मुख्यमंत्री से प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को लागू करने के लिए राज्य सरकार से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को नियमित रूप से विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराये जाने तथा कृषि उत्पादों पर लगाए गए 2.5 प्रतिशत मंडी शुल्क को माफ करने व सीएसटी की छूट में बढोत्तरी करने संबंधी मुख्यमंत्री की घोषणाओं के शीघ्र शासनादेश जारी करने की बात कही। इसके साथ ही ऑल इंडिया फ्रोजन फूड एवं वेजीटेबल एसोसियेशन के सचिव अश्वनी छाबरा ने भी अपने सुझाव दिये। सी.आई.आई. के उत्तराखण्ड चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष राकेश ओबराय ने भी अपने सुझाव दिये। ओबराय ने कहा कि सी.आई.आई. प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को अपना हर संभव सहयोग देगी। बैठक में उत्तराखण्ड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन के पंकज गुप्ता, उद्योगपति अनिल गोयल, अपर निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल आदि उपस्थित थे। 



(राजेन्द्र जोशी)

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