सीबीआई ने जम्मू एवं कश्मीर में हुए 1,500 करोड़ रुपये के रक्षा भूमि घोटाला मामले की जांच के तहत शुक्रवार को श्रीनगर, जम्मू व पटना में छापेमारी की.
सीबीआई प्रवक्ता धरिणी मिश्रा ने कहा कि श्रीनगर में रक्षा भूमि के एक नए मामले में सबूत इकट्ठे करने के लिए यह छापेमारी की गई. इस मामले में सेना की भूमि अनियमित तरीके के अन्य लोगों को दी गई. मिश्रा ने बताया कि भूमि दिए जाने के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र देने वाले एक रक्षा सम्पदा अधिकारी के घरों की तलाशी ली गई. वैसे उन्होंने आरोपी अधिकारी का नाम नहीं बताया.
श्रीनगर में सूत्रों ने बताया कि 1997 बैच का एक रक्षा सम्पदा अधिकारी (डीईओ) सीबीआई की जांच के घेरे में है. इस अधिकारी ने कुछ प्रभावशाली लोगों को भारतीय वायु सेना स्टेशन व श्रीनगर में भारतीय सेना की 15 वीं कोर मुख्यालयों के नजदीक 200 एकड़ जमीन खरीदने व वहां निर्माण कार्य करने की इजाजत दी थी.
पिछले साल रक्षा मंत्रालय की एक आंतरिक जांच में पता चला था कि कुछ असैन्य लोगों ने सेना की जमीन खरीदी है. तब यह घोटाला सामने आया. रक्षा मंत्रालय की जांच में भूमि की कीमत 1,200 व 1,500 करोड़ रुपये बताई गई. अब साल 2007 से अब तक जारी किए गए 70 प्रमाणपत्रों की बारीकी से जांच की जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि प्रमाणपत्र बताते हैं कि रक्षा मंत्रालय ने इस जमीन का कभी अधिग्रहण नहीं किया था. वैसे रक्षा सम्पदा रिकॉर्ड बताते हैं कि 60 के दशक में रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए यह भूमि खरीदी गई थी.
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