राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय कारोबारी रिश्ते तेजी के साथ मजबूत हो रहे हैं. मौजूदा रफ्तार को देखते हुए अगले तीन साल में दोनों देशों के बीच व्यापार 15 अरब डालर के सम्मानजनक स्तर पर पहुंच सकता है.
सुश्री पाटिल प्रिटोरिया में बृहस्पतिवार को दोनों देशों के उद्यमियों के मंच को संबोधित कर रही थीं. इस मौके पर श्रीमती पाटिल तथा दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ने दोनों देशों के बीच व्यापार में प्रगति पर खुशी जताई. इससे पूर्व दोनों देशों के बीच व्यापार को 2012 तक 10 अरब डालर पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था जिसे एक साल पहले ही पूरा कर लिया गया. इस उपलब्धि से दोनों देश खासे उत्साहित हैं.
दोनों पक्षों ने भारतीय दूरसंचार और आईटी कंपनियों के लिए आसान वीजा व्यवस्था तथा दक्षिण अफ्रीका के कारोबारियों के लिए भारतीय बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित किए जाने समेत व्यापार को आसान बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाने का आह्वान किया. इस अवसर पर संचार एवं आईटी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने दक्षिण अफ्रीका वीजा व्यवस्था को आसान बनाने के लिए उसमें बदलाव की मांग की. उन्होंने कहा कि भारतीय आईसीटी कंपनियां अफ्रीका को महत्वपूर्ण बाजार मानती हैं. बिजनेस यूनिटी साउथ अफ्रीका के अध्यक्ष फुती मतोबा ने कहा कि भारत में निवेश बढ़ाने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती भारत में शुल्कों की सूची में पारदर्शिता का अभाव है. खासकर कृषि क्षेत्र में यह समस्या ज्यादा है. इस समस्या को दूर करने के लिए शुल्को में पारदर्शिता लाने की जरूरत है.
मतोबा ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत-दक्षिण अफ्रीकी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए खुला बाजार हो. श्रीमती पाटिल ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका भारत का प्रमुख व्यापारिक सहयोगी बन गया है. दोनों देशों के बीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक आदान-प्रदान हमारे द्विपक्षीय संबंधों का महत्वपूर्ण हिस्सा है. राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारतीय कंपनियां यहां की सरकार की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर काम कर रही हैं. उन्होंने ऊर्जा तथा कोयले को गैस में बदलने जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी सहयोग को रेखांकित किया. इस मौके पर जुमा ने कहा कि भारतीय उद्योगपतियों को बुनियादी ढांचा तथा संचार क्षेत्र में अपार मौकों का लाभ उठाना चाहिए. इधर प्रतिभा पाटिल ने भी दक्षिण अफ्रीकी उद्यमियों से भारत में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया.
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