फ्रांस के सुरक्षा बलों द्वारा दो महीने पहले मारा गया अल्जीरियाई मूल का चरमपंथी तालिबानी मुहम्मद मेराह ने तालिबान के निर्देश पर पेरिस में भारतीय दूतावास पर हमले की साजिश रची थी। कुछ कारणों से यह साजिश नाकामयाब रही, लेकिन इसके बाद भी फ्रांस में भारतीय दूतावास तालिबान के निशाने पर बना हुआ है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार 23 वर्षीय मुहम्मद मेराह को पाकिस्तान में बैठे उसके आकाओं ने भारतीय दूतावास पर हमला करने का आदेश दिया था।
साल 2011 की गर्मियों में पाकिस्तान में तालिबान से उसे प्रशिक्षण दिया था। गत 15 मार्च को फ्रांस के तुलूज शहर में एक यहूदी स्कूल के बाहर गोलीबारी करने वाले मेराह को फ्रांसीसी सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। मारे जाने से पहले वह 32 घंटों तक एक अपार्टमेंट में बंद रहा था। इस अपार्टमेंट में बंद रहने के दौरान उसकी पुलिस और फोन पर की गई बातचीत के रिकॉर्ड को न्यायिक दस्तावेज के रूप में पेश किया गया है। इसमें भारतीय दूतावास पर हमले की साजिश की जानकारी सामने आई है। फ्रांस में भारतीय दूतावास पर हमले की साजिश उजागर होने के बाद भारत सरकार ने कहा कि वह पेरिस स्थित दूतावास के सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा कर रही है।
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