टीम अन्ना के खिलाफ हमले और तेज करते हुए सरकार ने लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रति जनता के विश्वास को खत्म करने के प्रयासों की आज निन्दा की.
सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने दिल्ली में कहा कि खुद को सुर्खियों में रखने के लिए अन्ना हजारे के साथ पूर्व में करीबी से जुडे सदस्यों ने हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जनता का विश्वास खत्म करने के लिए बाकायदा अभियान चला रखा है. उन्होंने हैरत व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को क्या टीम अन्ना कहा जा सकता है, जिनके बीच आज जबर्दस्त फूट है.
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देने के बाद अंबिका ने कहा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर टीम अन्ना के ये सदस्य आरोप लगा रहे हैं, वह नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रपट का प्रारंभिक मसौदा है. खुद सीएजी विनोद राय कह चुके हैं कि मसौदे से कोई बात कहना गुमराह करना है.
अंबिका ने कहा कि ये लोग सीएजी के प्रारंभिक मसौदे के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पर उंगली उठा रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि याद रखिये इस तरह के मसौदे पहले संशोधित हुए हैं और उन्हें सही किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. मनमोहन सिंह जैसे व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगाना निन्दनीय है.
अंबिका ने टीम अन्ना के सदस्यों को ललकारते हुए कहा कि यदि उनके पास कोई सबूत है तो कानूनी मामला बनायें. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यह आलोचना किसी भी तरह से देश से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के महत्व को न तो कम करती है और न ही खत्म करती है.
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