एयरसेल-मैक्सिस मुद्दे पर हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पहले दो बजे तक और फिर चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी। बीजेपी का आरोप है कि गृह मंत्री पी. चिदंबरम के पुत्र कार्तिक चिदंबरम इस डील में शामिल हैं। हालांकि, चिदंबरम ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि उनकी या उनके परिवार के किसी सदस्य की एयरसेल या मैक्सिस में हिस्सेदारी नहीं है। मगर, बीजेपी का हंगामा जारी रहा। इस पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी गुस्से से बेकाबू हो गए।
2006 में हुए एरसेल-मैक्सिस डील के मसले को सीनियर बीजेपी सदस्य यशवंत सिन्हा ने उठाया और कहा चिदंबरम का नाम लिए बिना कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री के पुत्र कथित रूप से इसमें शामिल हैं। सिन्हा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन वित्त मंत्री के पुत्र को मैक्सिस से 5 फीसदी शेयर मिले थे। सिन्हा ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से इस बारे में बयान की मांग करते हुए इसे प्रथम दृष्टया एक बड़ा घोटाला बताया और कहा कि सरकार को इस पर पर्दा नहीं डालना चाहिए।
बाद में बीजेपी सदस्य हंगामे पर उतर आए। केंद्रीय गृहमंत्री चिदंबरम ने इन आरोपों को गलत बताया लेकिन बीजेपी सदस्य उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। चिदंबरम ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद का इस्तेमाल किसी नागरिक (उनके बेटे) पर आरोप लगाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी जवाब सुनने से डर रही है इसलिए उन्हें जवाब नहीं देने दे रही है।
बीजेपी सदस्य इस पर भी शांत नहीं हुए। वे वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से इस मामले पर जवाब मांगते रहे। इस पर प्रणव मुखर्जी को गुस्सा आ गया। उन्होंने आगबबूला होते हुए कहा कि विपक्षी दल को एक ही बात बार-बार नहीं करना चाहिए। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मुखर्जी का गुस्सा शांत करने की कोशिश की। हालांकि बाद में सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मुखर्जी ने अपने व्यवहार के लिए सदन से माफी मांगी।
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