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रविवार, 27 मई 2012

बिहार में महिलाओं को पैक्स में भी आरक्षण.


 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पंचायत निकायों और नगर निकायों के बाद सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) में भी आरक्षण देने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि इसमें कुछ कठिनाई है, जिसे दूर कर लिया जायेगा.

सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए कदम बढ़ा चुकी हैं. महिलाओं में जागृति लाने एवं सशक्तीकरण व शिक्षित करने के लिए सरकार ने माहौल बनाया, इसके लिए हरसंभव आर्थिक सहायता दी गई. सरकार का काम माहौल बनाना और उचित सहायता पहुंचाना है. सहकारिता के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ी है, भागीदारी भी बढ़ेगी.

मुख्यमंत्री शनिवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में प्रथम महिला सहकारिता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष बराबर हैं. इसी के मद्देनजर पंचायत और स्थानीय निकायों में आधी सीटें आरक्षित की गयी हैं. सहकारिता के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बहुत ही कम थी. पैक्स में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए सदस्यता शुल्क में छूट दी गयी. सहकारिता में नियम है कि परिवार का कोई एक व्यक्ति ही प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति का सदस्य हो सकता है. इसके कारण महिला सदस्य नहीं बन पाती हैं. इसी  के मद्देनजर महिला सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. कई जगह मुखिया पति (एमपी) एवं सरपंच पति (एसपी) निर्वाचित महिला मुखिया एवं सरपंच मुखिया के साथ बैठक में भाग लेते हैं, उन्हें अब अपनी मुखिया पत्नी एवं सरपंच पत्नी के साथ बैठक में भाग नहीं लेना चाहिये. अब अगर मुखिया पति और सरपंच पति बैठक में भाग लेते हुये पकड़े जायेंगे तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि महिला प्रतिनिधि अपने कार्य को सही ढंग से करती है और समझती है.

लोगों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागृति आई है. महिलाएं शिक्षित होंगी तो जेण्डर गैप मिटेगा. इसलिए सरकार महिलाओं को शिक्षित करने पर विशेष ध्यान दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षर आंचल योजना के माध्यम से महिला साक्षरता की दर में वृद्धि हुई है. इसके लिए बिहार को प्रथम पुरस्कार मिला है. उन्होंने कहा कि साक्षर भारत योजना से सभी को साक्षर नहीं किया जा सकता है. इसलिए राज्य सरकार अपने बल पर महादलित परिवार की महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए योजना चलायेगी.

उत्पादक कार्य में महिलाएं शुरू से ही लगी हुई हैं, लेकिन उनके श्रम के योगदान की गिनती नहीं होती है. अब महिलाओं के श्रम की भी गिनती होगी. उन्होंने कहा कि गांव की स्वयं सहायता समूह और पीडीएस की दुकान चलाने वाली महिलाएं बैंक के नियम को भी जानती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सात जिलों में जीविका चल रही है. इसे केंद्र सरकार ने आजीविका के नाम से पूरे देश में चलाने का निर्णय लिया है. आजीविका प्रदेश के सभी प्रखंडों में चलायी जायेगी. सम्मेलन में कैमूर की उर्मिला ने बैंकों की शिकायत करते हुए बताया कि स्वयं सहायता समूह को बैंकों द्वारा 2.5 लाख रुपये ऋण का प्रावधान है. इसमें 1.25 लाख रुपये बैंक ऋण देता है और 1.25 लाख रुपये सरकार अनुदान देती है. परंतु बैंक ने स्वयं सहायता समूह को मात्र 1.25 लाख रुपये ऋण के रूप में उपलब्ध कराया और 2.5 लाख रुपये का ब्याज लेने लगा.

मुख्यमंत्री ने  कहा कि प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति पहले कुछ लोगों के हाथ की वस्तु बनकर रह गयी थी. चुनाव कराकर इसमें सुधार लाया गया. धान अधिप्राप्ति में पैक्सों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. पहली बार 17 लाख से अधिक मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति पैक्सों के माध्यम से की गयी है. अब प्रत्येक साल धान और गेहूं की अधिप्राप्ति पैक्स के माध्यम से होगी. इससे पैक्सों की आमदनी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जन वितरण पण्राली की दुकान पैक्स को भी दिया जायेगा.

पैक्स की महिलाएं सभी कार्य करने में करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने अंदर की शक्ति को पहचानें. महिलाएं पंचायत नगर निकाय एवं पैक्स में 50 प्रतिशत से अधिक निर्वाचित होकर आई हैं. पूरे समाज का माहैाल एवं वातावरण बदला है. महिलाएं बेटी को शिक्षित करने पर ज्यादा ध्यान दें तभी राज्य आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2012 के अवसर पर महिला सहकारी सम्मेलन का आयोजन विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर सहकारिता विभाग ने किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 फीसदी बीमारियां खुले में शौच करने से होती है. बीपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण के लिए सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है. सरकार 65 लाख एपीएल परिवारों को भी शौचालय निर्माण के लिए सहायता दे रही है. इसके लिए लोहिया स्वच्छता योजना की शुरुआत की गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पैक्सों और स्वयं सहायता समूह को पीडीएस दुकान देने का निर्णय लिया है. इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महिलाओं के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं है. हमारी सरकार ने पंचायत और नगर निकायों में 50 फीसदी सीटों पर महिलाओं को आरक्षण देने का कार्य किया. इसका अब पूरा देश अनुकरण कर रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में प्राथमिक कृषि सहयोग समितियों के 90 लाख सदस्य हैं. इनमें महिलाओं की संख्या 15.80 लाख हैं. 263 महिलाएं पैक्स अध्यक्ष का चुनाव जीती हैं जो इस सम्मेलन में शिरकत कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पांच सालों में दस लाख स्वयं सहायता समूह गठित किये जायेंगे. इससे महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी.

सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने कहा कि महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाजार उपलब्ध कराने के लिए पटना में दिल्ली हाट की तर्ज पर सहकारिता हाट का निर्माण कराया जायेगा. नालंदा और पटना में महिला सहकारी बैंक की स्थापना की जायेगी. उन्होंने कहा कि चार स्तर पर सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे. धान अधिप्राप्ति में अच्छा कार्य करने वाले पैक्सों को मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित किया जायेगा. 

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