शिकागो में हो रहे नाटो सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के साथ पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी वहां पहुंचे। शिकागो पहुंचने पर जरदारी से कहा गया कि ओबामा उनसे सिर्फ तभी बात करेंगे यदि वे नाटो सेना की रसद आपूर्ति के लिए, पाकिस्तान से होकर जाने वाले रास्ते के मसले पर बात करना चाहते हैं। दोनों नेताओं ने कोई बातचीत नहीं की और इस तरह नाटो सैनिकों का मुद्दा एक बार फिर बेनतीजन रह गया।
नाटो सेना की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान से होकर जाने वाला रास्ता पिछले वर्ष से बंद है। इस मुद्दे के कारण दोनों देशों के बीच काफी तनाव भरा माहौल चल रहा है।
पिछले वर्ष अमेरिका द्वारा मोहमंद कबायली क्षेत्र में किए गए हमले के कारण24 पाकिस्तानी फौजी मारे गए थे। पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, इसे 'जान-बूझ्कर' किया गया हमला करार दिया था। इस हमले पर ओबामा ने शोक प्रकट किया था लेकिन माफी मांगने से इंकार कर दिया था। बाद में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मांगी थी पर पाकिस्तान ने इस माफी को नजरअंदाज कर दिया था। इस पूरे मामले के बाद से ही ये आपूर्ति मार्ग बंद है।
जरदारी की ओबामा से मुलाकात न हो पाने की स्थिति में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने जरदारी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘उन्होंने नाटो आपूर्ति मार्गों को दोबारा खोलने के महत्व, पाकिस्तान, अमेरिका और क्षेत्र के लिए खतरा बने अलकायदा और हक्कानी नेटवर्क समेत उग्रवादियों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने पर चर्चा की। जरदारी औऱ हिलेरी क्लिंटन से बातचीत के बात भी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें