गुजरात से एक महिला सांसद प्रभा किशोर के साथ गुजरात पुलिस द्वारा की गई कथित ज्यादती को लेकर बुधवार को लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने भारी रोष व्यक्त किया और इसे विशेषाधिकार हनन का गंभीर मामला बताया। सांसदों ने गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी को संसद में तलब किए जाने की पुरजोर मांग की। प्रभा किशोर की व्यथा सुनाए जाने पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, इसलिए वह वहां के मुख्ययमंत्री से बात कर घटना की सारी जानकारी हासिल कर सदन को अवगत कराएंगी।
अन्य पार्टियों के सदस्यों ने हालांकि सुषमा के इस बयान को कोई खास अहमियत नहीं देते हुए कहा कि यह संसद की गरिमा का सवाल है इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री को तुरंत तलब कर उन्हें संसद के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। कांग्रेस सदस्य गिरिजा व्यास ने शून्यकाल में गुजरात के दाहोद से पार्टी सांसद डॉक्टर प्रभा किशोर से जुड़ा मामला उठाया और कहा कि साथी सांसद की हालत इतनी गंभीर है कि वह खुद अपनी बात रखने में सक्षम नहीं हैं। इस दौरान उनकी बगल में बैठी प्रभा किशोर लगातार सिसकती रहीं।
गिरिजा व्यास ने कहा कि प्रदेश में गुजरात दिवस के मौके पर दाहोद में आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए घर से निकली प्रभा किशोर तथा उनके पार्टी विधायकों को पुलिस बलों ने घेर लिया। उन्होंने कहा कि प्रभा किशोर ने पुलिसकर्मियों को अपना पहचान पत्र और समारोह में भाग लेने के लिए प्रदान किया गया सरकारी आमंत्रण पत्र भी दिखाया लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी और कथित रूप से उन्हें बालों से पकड़ कर घसीटते हुए ले गए।
गिरिजा ने आगे बताया कि इसके बाद प्रभा किशोर तथा पार्टी विधायकों को वाहन में बिठाकर करीब दो सौ किलोमीटर दूर ले जाकर छोड़ दिया। गिरिजा व्यास ने महिला सांसद को न्याय दिलाए जाने की मांग की। इस पर पीठासीन सभापति पी सी चाको ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और संसद की गरिमा पर सवाल खड़ा करने की कई शिकायतें मिली हैं और ऐसे मामलों से निपटने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है और सांसदों के खिलाफ अवमानना के मामलों में स्पीकर को नोटिस मिला है। यह मामला स्पीकर मीरा कुमार के विचाराधीन है और वह इस पर अपनी व्यवस्था देंगी। इससे पूर्व गिरिजा व्यास के अपनी बात खत्म करते ही विभिन्न दलों के आक्रोशित सदस्य इसे विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री को सदन में तलब किए जाने की मांग करने लगे।
तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीदार ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताया। अन्नादमुक के एम थबीदुरई ने भी कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इस प्रकार की घटनाएं बढ़ रही हैं और सांसदों को सम्मान नहीं मिल रहा। आरजेडी के लालू प्रसाद ने कहा कि इसे विशेषाधिकार के नाम पर टाला नहीं जा सकता। उन्होंने सवाल किया कि बिना सीएम की अनुमति के पुलिस ऐसी कार्रवाई किसी सांसद के खिलाफ कैसे कर सकती है। सीपीआईएम के बासुदेव आचार्य ने भी मामले में तुरंत कार्रवाई किए जाने की मांग की। एसपी के रेवती रमन सिंह ने कहा कि इस घटना की निंदा ही नहीं की जानी चाहिए बल्कि मुख्यमंत्री को बुलाकर सदन के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। बीएसपी के दारासिंह चौहान ने भी घटना पर गहरा रोष जताते हुए कार्रवाई की मांग की।
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