विवादास्पद राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के गठन के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मंजूरी हासिल करने के लिए शनिवार को होने वाली बैठक में केंद्र अपनी ओर से पुरजोर कोशिश करेगा। ओडिशा के नवीन पटनायक, तमिलनाडु की जे जयललिता और गुजरात के नरेन्द्र मोदी जैसे गैर कांग्रेस मुख्यमंत्रियों द्वारा मुख्यमंत्रियों की बैठक में एनसीटीसी का विरोध किये जाने की संभावना है। केन्द्र ने आश्वासन दिया है कि किसी भी राज्य में कार्रवाई से पहले संबद्ध राज्य सरकार को विश्वास में लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री पी चिदंबरम कुछ उन मुख्यमंत्रियों की आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करेंगे, जो एनसीटीसी का विरोध कर रहे हैं। इन मुख्यमंत्रियों का कहना है कि एनसीटीसी राज्यों के अधिकारों में अतिक्रमण करेगा और यह देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाएगा।
सूत्रों केअनुसार संप्रग के घटक तृणमूल कांग्रेस की नेता एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना विरोध कम कर सकते हैं और वे एनसीटीसी के गठन पर राजी हो सकते हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में गृह मंत्री ने कहा था कि एनसीटीसी के परिचालन को लेकर मानक कार्रवाई प्रक्रिया (एसओपी) के दो मसौदे राज्यों को भेजे गये हैं और इन मसौदों से उन मुख्यमंत्रियों की आशंकाओं का समाधान होगा, जिन्होंने चिन्ता व्यक्त की है।
चिदंबरम ने कहा था कि उन्हें लगता है कि एसओपी के मसौदे पढने के बाद काफी आशंकाओं का समाधान हो जाएगा और पांच मई की बैठक में मुख्यमंत्री यदि एसओपी पर कोई सुक्षाव देते हैं तो उन्हें सुना जाएगा और जहां तक संभव होगा, उन्हें मसौदे में शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लडाई राज्यों और केन्द्र की साझा जिम्मेदारी है। गृह मंत्रालय ने जो मसौदे राज्यों को भेजे, उनमें एनसीटीसी की स्थायी परिषद के अधिकार और कार्यक्षेत्र को सूचीबद्ध किया गया है। इस परिषद में सभी राज्य सरकारों और केन्द्र के प्रतिनिधि होंगे।
राज्यों के पुलिस महानिदेशक या आतंकवाद रोधी दस्तों के प्रमुख एनसीटीसी की इस परिषद के सदस्य होंगे और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से पहले एनसीटीसी संबद्ध राज्य के पुलिस अधिकारियों को विश्वास में लेगा। केन्द्र ने एनसीटीसी की आवश्यकता को भी मसौदों में समझाया है। साथ ही यह बताया है कि एनसीटीसी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून की धारा-43 ए और 43-बी सहित विभिन्न धाराओं का इस्तेमाल करेगी।
गृह मंत्रालय ने पांच मई को विशेष रूप से बुलायी गयी इस बैठक का एजेंडा भी वितरित किया है। प्रस्तावित एनसीटीसी के अधिकार, उद्देश्य, ढांचे आदि के बारे में भी समझाया गया है। एजेंडा पेपर के अनुसार स्थायी परिषद जब आवश्यक होगा, बैठक करेगी और वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी बैठक कर सकती है।
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