मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बागवानी संबंधी विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं का फायदा पात्र लोगों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों से बगीचों की जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग) मैपिंग करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य सरकार के बगीचा बचाओ कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि कृषि विभाग की ओर से कई प्रकार की मदद दी जाती है। बगीचों के उत्थान के लिए दी जाने वाली बागवानी प्रोत्साहन राशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए कृषि विभाग को बगीचों की जीपीएस मैपिंग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीपीएस मैपिंग की मदद से सही लाभान्वितों तक मदद पहुंच सकेगी। जीपीएस मैपिंग से बगीचों पर नजर रखी जा सकेगी और प्रोत्साहन राशि के उपयोग के बारे में भी निगरानी संभव होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बगीचों के माध्यम से बागवानी में लगे किसानों की आय में बढो़त्तरी और नियमित आय प्रदान कर उनकी स्थिति सुधारने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। सरकार ने गुणवत्तापूर्ण पौधे के वितरण और रोपाई के लिए प्रति एकड़ 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने सहित कई आकर्षक योजनाएं बनायी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र बगीचा और सब्जियों की खेती के योग्य है। नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और कृषि पदाधिकारियों को समन्वित प्रयास करते हुए काम करना चाहिए ताकि हर भारतीय की थाली में बिहार का एक व्यंजन रखने का सपना पूरा किया जा सके। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
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