केंद्रीय गृहमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि यह कहना गलत है कि अन्य क्षेत्रों के छात्रों की तुलना में पूर्वोत्तर के छात्र उपेक्षा के ज्यादा शिकार हो रहे हैं। चिदम्बरम ने शुक्रवार को कहा कि सरकार इन छात्रों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हाल के दिनों पूर्वोत्तर के तीन छात्र की मौत होने पर उच्च सदन में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर उत्तर देते हुए गृहमंत्री ने कहा, "यह कहना सही नहीं है कि पूवरेत्तर के छात्रों पर अन्य क्षेत्र के छात्रों की तुलना में ज्यादा खतरा है।" इसमें असम एवं मणिपुर के एक-एक छात्र ने दिल्ली में आत्महत्या कर ली, जबकि मणिपुर का एक छात्र बेंगलुरू में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया।
चिदम्बरम ने कहा कि राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदार होती हैं। उन्होंने कहा, "जहां तक दिल्ली की बात है, कई कदम उठाए गए हैं। 2012 में पूर्वोत्तर क्षेत्र की महिलाओं से सम्बंधित आठ मामले दर्ज किए गए। इसमें से सात मामलों को सुलझाने में सफलता मिली है और 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।" चिदम्बरम ने कहा, "मैं स्पष्ट तौर पर करना चाहूंगा कि पूर्वोत्तर को कोई भी छात्र देश के किसी भी भाग में घूमने एवं रहने के लिए स्वतंत्र है। उन्हें शांति एवं सुरक्षा का अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें शांति एवं सुरक्षा उपलब्ध कराए।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाएगी और अपना संवैधानिक दायित्व निभाने के लिए राज्य सरकारों से बात करेगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें