एयर इंडिया का संकट और बढ़ गया है। एयरलाइन के 120 एग्ज़ेक्युटिव पायलटों में से 22 बीमार पड़ गए हैं। पायलटों के एक वर्ग की डेढ़ माह पुरानी हड़ताल से एयरलाइन पहले ही संकट में है। अब एग्ज़ेक्युटिव पायलटों के बीमार पड़ने से उसकी परेशानी और बढ़ गई है। उसे अपने इंटरनैशनल उड़ानों को जारी रखने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।
एयर इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित नंदन ने बताया कि 22 पायलट बीमार पड़ गए हैं। तीन के पास पासपोर्ट नहीं है, जबकि तीन अन्य ने परिवार में किसी सदस्य की बीमारी के लिए छुट्टी मांगी है। एग्ज़ेक्युटिव पायलटों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नंदन से मुलाकात कर पायलटों की 44 दिन पुरानी हड़ताल को जल्द से जल्द खत्म करवाने की अपील की।
एयर इंडिया में एग्ज़ेक्युटिव पायलटों की संख्या 120 है और अपने साथी पायलटों की हड़ताल की वजह से उन पर काम का बोझ बढ़ गया है। हालांकि, नंदन ने कहा कि हड़ताल से पहले एग्ज़ेक्युटिव पायलट महीने में 72 घंटे काम कर रहे थे जबकि अभी उन्हें 64 घंटे ही काम करना पड़ रहा है।
एक पायलट ने बताया, 'हमने सीएमडी से कहा है कि यह समस्या खत्म होनी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे पायलटों को वापस लेने को तैयार हैं, पर मुद्दा इंडियन पायलट गिल्ड्स (आईपीजी) के कार्यकारी समिति के 10 सदस्यों को वापस लेने के मुद्दे पर अटकी है।' आईपीजी की मान्यता एयरलाइन मैनेजमेंट समाप्त कर चुका है।
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