दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी द्वारा गुजारे गए समय से संबंधित पत्रों, दस्तावेजों और तस्वीरों का संकलन 10 जुलाई को लंदन में नीलाम किया जाएगा। इसमें वास्तुकार हरमन कालबाख के साथ उनके विवादित रिश्तों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी हैं।
इन्हें नीलाम कर रही 'सॉथबीज' को आशा है कि नीलामी से पांच से सात लाख पाउंड की कमाई होगी। इनमें से 25 मार्च 1945 को कालबाख को लिखा गांधी का पत्र भी है। इसमें कहा गया है, ऐसे समय में जब सभी ने मेरा साथ छोड़ दिया था, वे अक्सर मुझसे कहा करते थे कि मैं उन्हें हमेशा अपने साथ रहने वाले दोस्त की तरह पाएंगे।
अगर जरूरत हुई तो सच की तलाश में धरती के अंत तक जाएंगे। संकलन के बारे में लिखी गई टिप्पणी में कहा गया है, यह दो लोगों के बीच मित्रता का महत्वपूर्ण स्रोत है। कालबाख की मुलाकात गांधी से 1904 में दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। भारत लौटने के बाद भी दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे। 1910 में कालबाख ने जोहान्सबर्ग के नजदीक लॉलेय में 1,100 एकड़ का फर्म खरीदा था। दोनों उसे चलाने में काफी नजदीक से जुड़े थे। सॉथबीज के अनुसार, संकलन में गांधीजी के बड़े बेटे हरिलाल के 'मर्मस्पर्शी पत्र' भी शामिल हैं। इसके अलावा कालबाख की गहरी दोस्ती विशेष तौर पर गांधीजी के दूसरे बेटे मनीलाल और तीसरे बेटे रामदास के साथ भी थी। मनीलाल बाद में दक्षिण अफ्रीका के फोनिक्स में ही रहे।
सॉदबी को सैयद हैदर रजा, मकबूल फिदा हुसैन और फ्रांसिस न्यूटन सूजा की तीन कलाकृतियों समेत 51 कलाकृतियों को कोई खरीदने वाला नहीं मिल सका। इनमें रजा की 1971 में बनाई 'ला फोर्ज', हुसैन की 'इस्लाम' और सूजा की 'वुमेन विद मिरर एंड फ्लॉवर' नामक कलाकृतियां शामिल हैं। सॉदबी ने इन कलाकृतियों को गत शुक्रवार दक्षिण एशिया की 88 मॉडर्न और समकालीन कलाकृतियों के साथ बेचने के लिए रखा था। नीलाम घर को इस बिक्री में 5,46,800 पाउंड (करीब 4.74 करोड़ रुपए) की राशि मिली। सॉदबी की लैला डेब्लेज ने यह जानकारी दी।
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