भारत में जन्मे प्रख्यात गजल गायक मेंहदी हसन का बुधवार को पाकिस्तान के कराची शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 84 साल के थे।
उनके बेटे के अनुसार उनके पिता का एक निजी अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ के बाद निधन हो गया। हसन को पिछले महीने ही आगा खान अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। वह एक दिन बाद ही दोबारा अस्पताल पहुंच गए थे लेकिन उन्हें वेंटीलेटर पर नहीं रखा गया था।
आरिफ ने कहा कि मेरे पिता बीते 12 साल से बीमार थे लेकिन इस साल पिछले महीने उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्होंने बताया कि वह अस्पताल से सिर्फ एक दिन के लिए बाहर आए और फिर उन्हें दोबारा दाखिल कराना पड़ा।
हसन के दुनियाभर में लाखों प्रशंसक हैं। उन्हें कई साल से फेंफड़ों, सीने सम्बंधी व कई अन्य बीमारियां थीं। एक दशक पहले पक्षाघात के दौरे के बाद से वह चलने-फिरने में अक्षम थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पिछले दो साल से उन्हें एक ट्यूब के जरिए भोजन दिया जाता था। उन्होंने अपनी आवाज खो दी थी। उनके परिवार ने आधुनिक युग के गजल गायक हसन को बचाने के लिए अपील की थीं। अप्रैल में उन्हें भारत आने के लिए वीजा मिला था लेकिन वह यात्रा करने के लिए बहुत दुर्बल थे। वह अंतिम बार साल 2000 में भारत आए थे। हसन के घर में उनके नौ बेटे व पांच बेटियां हैं। उन्होंने दो विवाह किए थे। उनकी दोनों पत्नियों का निधन हो चुका है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें