तिब्बत की राजधानी ल्हासा में आत्मदाह की ताजा घटनाओं के बाद चीनी सुरक्षाकर्मियों ने सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया है। यह भी खबर है कि ल्हासा के बाहर के तिब्बतियों को शहर छोड़कर जाने को कहा गया है।
चीनी शासन के विरोध में रविवार को ल्हासा के एक चर्चित मंदिर के बाहर दो तिब्बतियों ने आत्मदाह कर लिया। हाल के दिनों में ल्हासा में आत्मदाह की यह पहली घटना है, लेकिन दूसरे जगहों पर तिब्बतियों के आत्मदाह की घटना अब सामान्य हो चुकी हैं। चीन ने आत्मदाह करने वालों को आतंकी और अपराधी घोषित किया हुआ है। उसका मानना है कि तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के पीछे निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा तथा अन्य निर्वासित तिब्बती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और अशांति रोकने के लिए तिब्बत में कड़े नियम और प्रतिबंध लगा सकता है। तिब्बती मानवाधिकार समूह के अनुसार चीन के छह दशक से चले आ रहे शासन के विरोध में मार्च 2011 से कम से कम 35 तिब्बतियों ने आत्मदाह किया है जिनमें 27 की मौत हो गई।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें