मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के इंजीनियरिंग की साझा प्रवेश परीक्षा के प्रस्ताव को खारिज करते हुए आइआइटी दिल्ली ने अगले वर्ष से स्वयं परीक्षा लेने का निर्णय किया है. इससे पहले आइआइटी कानपुर भी अपने यहां अलग परीक्षा लेने का निर्णय कर चुका है. अधिकारियों ने बताया कि आइआइटी दिल्ली के सीनेट की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय किया गया.
सीनेट के एक सदस्य ने कहा, हम प्रस्तावित एकल प्रवेश परीक्षा को स्वीकार नहीं करेंगे और अपने यहां स्वयं परीक्षा आयोजित करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘प्रस्तावित परीक्षा आकादमिक एवं प्रक्रियात्मक रूप से अव्यवहार्य है.’ उन्होंने कहा कि अन्य आइआइटी संस्थानों से नयी प्रणाली को खारिज करने और आइआइटी दिल्ली एवं आइआइइ कानपुर के साथ शामिल होने को कहा गया है.
ऐसे संकेत मिले हैं कि आइआइटी दिल्ली सीनेट, आइआइटी जेइइ की वर्तमान व्यवस्था को बनाये रखने के पक्ष में है, हालांकि उसने इस विषय पर विचार के लिए समिति का गठन किया है. आइआइटी कानपुर ने हाल ही में अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का निर्णय किया है और अब आइआइटी दिल्ली ने भी इसका अनुसरण करने का निर्णय किया है. वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने अपनी योजना पर आगे बढ़ने का संकेत दिया है.
आइआइटी कानपुर ने भी आइआइटी परिषद के एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के 28 मई के निर्णय को अकादमिक एवं व्यवस्थागत रूप से अनुपयुक्त करार दिया है.
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