बिहार के बडे़ सरकारी अस्पतालों में शुमार पटना के पीएमसीएच के करीब 500 जूनियर डॉक्टर अपने एक सहकर्मी के साथ मारपीट की घटना के विरोध में बुधवार रात से हड़ताल पर चले गये हैं जिससे चिकित्सीय सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि दिमागी बुखार से पीडित 14 वर्षीय एक किशोर की मौत के बाद उसके परिजनों ने एक चिकित्सक रामानुज के साथ मारपीट की जिसके बाद आक्रोशित जूनियर डॉक्टर कल रात से हड़ताल पर चले गये। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में मस्तिष्क ज्वर के मामलों से पहले से ही जूझ रहे पीएमसीएच में करीब 500 जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण इमरजेंसी और ओपीडी सहित अन्य चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुई हैं। आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों ने कल रात पीएमसीएच के अधीक्षक ओपी चौधरी के साथ मारपीट भी की।
घटना के बाद अस्पताल में किसी अप्रिय घटना की आशंका से सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी मकसूद आलम और नगर पुलिस उपाधीक्षक मनोज कुमार तिवारी पीरबहोर, गांधी मैदान, आलमगंज और सुल्तानगंज थानों के पुलिसकर्मियों के साथ परिसर में कैंप किये हुए हैं। जूनियर डॉक्टर की शिकायत पर पीरबहोर पुलिस ने परिजनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया कि आगे की योजना को लेकर संघ की बैठक चल रही है। अस्पताल के अधीक्षक चौधरी ने कहा कि वह अपने साथ कल रात की मारपीट की घटना को लेकर आरोपी जूनियर डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे। बख्तियारपुर के करनौती गांव के किशोर सिंह के 14 वर्षीय पुत्र बिट्टू की मस्तिष्क ज्वर के कारण इलाज के दौरान कल मौत हो गयी थी। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कथित तौर पर कल हंगामा और मारपीट की। बिहार में मई महीने से मस्तिष्क ज्वर के मामलों में बडी संख्या में बढोत्तरी हुई है। पीएमसीएच में दिमागी बुखार के सबसे अधिक मामले आये हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पीएमसीएच में सबसे अधिक 46 बच्चों की मौत हुई है, जबकि 20 बच्चों का इलाज चल रहा है।
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