जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम सान जोस डेल कैबो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के काफिले ने जैसे ही होटल के लिए प्रस्थान किया, रास्ते में एक विशाल बोर्ड पर हिंदी में लिखा हुआ था 'आपका स्वागत है'।
वास्तव में मनमोहन सिंह उन प्रथम नेताओं में शामिल हैं, जिनके साथ मेजबान और मेक्सिको के राष्ट्रपति फेलिप काल्डेरान शिखर सम्मेलन के इतर मौके पर द्विपक्षीय बातचीत करने वाले हैं। काल्डेरान 2007 में जब दिल्ली आए थे, तो दोनों पक्षों ने अपने सम्बंधों को विस्तार दिया था।
79 वषीय मनमोहन सिंह, जी-20 समूह के नेताओं में सबसे उम्रदराज भी हैं। इस समूह का गठन, 1999 में दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेने वाले आर्थिक संकट से उबरने के रास्ते तलाशने के लिए वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स के स्तर पर हुआ था। यह समूह 2008 में बढ़कर शिखर सम्मेलन स्तर पर पहुंच गया। इस समूह का पहला शिखर सम्मेलन 2008 में वाशिंगटन में हुआ था। मेक्सिको में हो रहा जी-20 शिखर सम्मेलन इस श्रृंखला की सातवीं कड़ी है। लॉस कैबोस एक विश्व धरोहर स्थल है।
1 टिप्पणी:
देश के करोड़ों हिन्दी भाषियों के नाम पर धब्बा हैं मनमोहन सिंह। इन्हें हिन्दी की कोई समझ नहीं है। बस सोनिया की बातें समझ लेते हैं। शायद ज्यादा समय तक रहने के कारण इशारों को समझना सीख गए हों?
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