गुजरात दंगों के करीब 10 साल बाद आज नरोदा पाटिया के दंगा पीड़ितों के लिए इंसाफ का इंतजार थोड़ा और लंबा हो गया। स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 29 अगस्त तक सुरक्षित रख लिया है। आज हुई सुनवाई के दौरान 3 आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए जिसके बाद जज ने सभी के लिए गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। बता दें कि नरोदा पाटिया में 95 लोगों को या तो जिंदा जला दिया गया या फिर उन्हें मार डाला गया।
इस मामले में 62 लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोपियों में से एक की मौत ट्रायल के दौरान ही हो गई थी। दंगे में शामिल होने के आरोप सूबे के कई कद्दावर नेताओं पर लगे। इन्हीं नेताओं में एक थीं माया कोडनानी। माया कोडनानी नरेंद्र मोदी की करीबी बताई जाती हैं।
इस मामले में आरोपी बनाए जाने से पहले तक माया कोडनानी मोदी सरकार में मंत्री थीं। गुजरात पुलिस की ढीली जांच के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई। इसके बाद माया कोडनानी सरेंडर करने को मजबूर हुईं। माया कोडनानी के अलावा इस मामले में वीएचपी के नेता बाबू बजरंगी और जयदीप पटेल भी आरोपों के घेरे में आए। जाहिर है, देश के तमाम लोगों की इस फैसले पर नजर है। स्पेशल कोर्ट के फैसले से माया कोडनानी, मुन्ना बजरंगी और जयदीप पटेल का भविष्य जुड़ा है।
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