वैश्विक मंदी से वाहनों की मांग में भारी गिरावट के चलते देश की सबसे बड़ी व्यवसायिक वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने यहां अपने भारी वाहन संयंत्र के अलावा एक सहायक इकाई और डीजल इंजन निर्माता संयुक्त उपक्रम टाटा कमिंस के संयंत्रों में कल से तीन दिन की बंदी की घोषणा कर दी है।
कंपनी के आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को तीनो संयंत्रों में बंदी की पुष्टि करते हुए बताया कि इस दौरान उत्पादन पूरी तरह ठप रहेगा हालांकि रख रखाव मेंटेनेंस संबंधी कुछ छिटपुट काम होंगे।
ट्रक ट्रेलर ट्रिप्पर और अन्य मल्टी एक्सेल वाले भारी वाहन बनाने वाले टाटा मोटर्स संयंत्र के अलावा इसकी सहायक कंपनी टीएमएल ड्राइवलाइन तथा अमरीका की कमिंस इंक के साथ आधी-आधी हिस्सेदारी वाली इंजन उत्पादक कंपनी टाटा कमिंस के यहां स्थित संयंत्रों में एक साथ 28 से 30 जून तक बंदी की घोषणा कर दी गई है। अगले दिन एक जुलाई को रविवार की सामान्य बंदी के कारण इन संयंत्रों में उत्पादन दो जुलाई से ही शुरू होगा। बंदी के दौरान तीनों संयंत्रों में नियमों के मुताबिक वेतन में भी कटौती की जाएगी।
टाटा मोटर्स में करीब 5500 स्थाई तथा 7000 अस्थाई टाटा कमिंस में करीब 900 स्थाई तथा टीएमएल ड्राइवलाइन में 1600 स्थाई तथा 300 स्थाई कर्मी हैं। टाटा मोटर्स में आम दिनों में लगभग 1200 वाहन इकाइयों का उत्पादन प्रतिमाह होता है जो हाल में गिर कर करीब 550 इकाई पर आ गया था। इसका कारण वैश्विक मंदी से वाहन क्षेत्र में पैदा रिण संकट के चलते मांग में आई गिरावट को माना जा रहा है। मौजूदा मंदी के चलते टाटा मोटर्स पुणे के पिंपरी स्थित अपने संयंत्र को पहले ही बंद कर चुका है।
जापान की हिताची कंपनी के साथ इसकी संयुक्त हिस्सेदारी वाली निर्माण उपकरण निर्माता कंपनी टेल्कान में भी इसी माह 11 से 16 तारीख तक जमशेदपुर खड़गपुर तथा धारवाड़ स्थित अपने तीनों भारतीय संयंत्रों में पूर्ण बंदी की थी। टाटा मोटर्स ने इससे पहले वर्ष 2008-09 की महामंदी में यहां अपने संयंत्र में पांच बार पूर्ण बंदी करते हुए 18 दिनों तक उत्पादन ठप रखा था।
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