उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में प्रगति के कारण बिहार की विकास दर उच्च बनी हुई है. ‘‘केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन के आंकडों के अनुसार बिहार की आर्थिक विकास की दर उच्च बनी हुई है. बीते पांच वर्ष से विकास की औसत दर 11 प्रतिशत के आसपास बनी है जिसका कारण निर्माण और बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में निवेश है. योजनागत खर्च भी बढा है.’’
मोदी ने बताया कि सीमेंट, ईंट, गिट्टी और छड़ की खपत राज्य में बहुत बढी है जो गहन निर्माण क्षेत्र का परिचायक है. 2005-6 में सीमेंट बिक्री पर वाणिज्य कर से आय 119.32 करोड़ रुपये थी जो 2011-12 में बढकर 556.23 करोड पर पहुंच गयी.
मोदी ने कहा कि इसी प्रकार लोहे की छड़ की बिक्री से लगने वाले कर पर छह गुणा बढकर 143.69 करोड़ हो गयी. ईट की बिक्री पर वाणिज्यकर विभाग को 2011-12 में 17 करोड तथा गिट्टी की बिक्री से 9.29 करोड रुपये कर राजस्व प्राप्त हुए. इसका अर्थ है कि निर्माण कार्य में लगने वाली इन वस्तुओं की खपत बिहार में बहुत बढी है. उन्होंने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि के योगदान के लिए बढोतरी के लिए भी राज्य सरकार कई कदम उठा रही है. 2011-12 के खरीफ मौसम के दौरान 2336 करोड रुपये का किसानों को भुगतान किया गया. रबी के मौसम में भी 15 लाख टन गेहूं की खरीद की जाएगी.
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