बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता और राजद के वरिष्ठ नेता गुलाम गौस ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर स्वयं धर्मनिरपेक्ष नहीं होने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि मुसलमान यह समक्ष चुके हैं कि उनका असली चेहरा क्या है।
गौस ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश एक तरफ भाजपा एवं आरएसएस की गोद में बैठकर केंद्र में पूर्व की राजग शासनकाल के दौरान मंत्री के रूप में और पिछले सात सालों से बिहार में सत्ता का सुख भोगते रहे हैं तथा उन्हें अब नजर आ रहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सांप्रदायिक हैं।
गौस ने नीतीश के लिए शेर दोरंगी छोड़ दे, एक रंग होजा, सरासर मोम या फिर संग हो जा को दोहराते हुए कहा कि कल तक नरेंद्र मोदी के साथ गलबहियां डाले घूमने वाले नीतीश को अब मोदी सांप्रदायिक नजर आने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि गोधरा कांड के बाद जब गुजरात सांप्रदायिक हिंसा की आग में धू-धूकर जल रहा था, केंद्र की तत्कालीन राजग शासनकाल में रेल मंत्री रहे नीतीश ने अपने पद से इस्तीफा देने की बात तो दूर उन्होंने गोधरा कांड की जांच तक नहीं करायी और कथित तौर पर इंसानियत के कातिल नरेंद्र मोदी के कृत्य पर पर्दा डालने का काम किया।
गौस ने कहा कि नीतीश अगर सेकुलर होते तो बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज में गत वर्ष तीन जून को पुलिस गोलीकांड में चार अल्पसंख्यकों की मौत मामले की सीबीआई से जांच कराते। उन्होंने कहा कि नीतीश अगर सेकुलर होते तो अररिया जिला के बटराहा कांड, मुजफफरपुर जिला में पुलिस की पिटाई से शमशुद्दीन दर्जी की मौत और मनेर थाना हाजत में मो. सलमान खान की मौत मामले की सीबीआई से जांच कराते।
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