झारखण्ड की विनीता सोरेन ने एवरेस्ट फतह किया. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 13 जून 2012

झारखण्ड की विनीता सोरेन ने एवरेस्ट फतह किया.


झारखंड के विनीता सोरेन एवरेस्ट फतह करने वाली पहली आदिवासी युवती बन गई हैं. 25 वर्ष की विनीता ने जिस ऊंचाई को छुआ है, उसके पीछे उनकी मेहनत और अदम्य साहस की कहानी है.

शनिवार की सुबह विनीता सोरेन, मेघलाल महतो  और राजेंद्र सिंह पाल ने भी एवरेस्ट पर झंडा गाड़ा. विनीता सोरेन, राजेंद्र सिंह पाल, मेघलाल महतो आज जनशताब्दी एक्स्प्रेस से जमदेशपुर पहुंचे. तीनों के पहुँचने पर जमशेदपुर निवासियों ने ढ़ोल-नगाड़ों के साथ उनका ज़ोरदार स्वागत किया.

राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो ने इस मौके पर  स्टेशन परिसर में उनका स्वागत किया. विनीता सोरेन व मेघलाल महतो सरायकेला- खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के पहाड़पुर गांव के रहने वाले हैं. राजेंद्र सिंह पाल मशहूर पर्वतारोही बछेंद्री पाल सिंह के भाई है.
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत टाटा स्टील ने इन लोगों को एवरेस्ट फतह के अभियान में भेजने का बीड़ा उठाया था. पूरे अभियान के लिए टाटा स्टील ने 75 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की थी.

दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की होड़ से मची है,पिछले दो दिनों के भीतर करीब 225 लोग इस चोटी पर पहुंचे, जो अपने आप में एक रिकार्ड है. इन पर्वतारोहियों में चार भारतीय शामिल हैं. 8848 मीटर ऊंचे पर्वत शिखर पर इतने लोगों का एक साथ जमा होना अपने आप में अद्भुत नज़ारा था. 
  

कोई टिप्पणी नहीं: