भाजपा की नेता मेनका गांधी सोमवार को राष्ट्रपति पद के संप्रग के उम्मीदवार केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के समर्थन में उतर आईं। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वह सर्वसम्मति बनाए जाने के पक्ष में हैं और राजग में इसके लिए प्रयास जारी है।
मेनका गाँधी ने कहा कि इस पद के लिए वह सबसे काबिल हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चाहती हैं कि मुखर्जी को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति पद के लिए चुना जाए, उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का चयन हमेशा ही सर्वसम्मति से होना चाहिए। उन्होंने लगे हाथ यह भी कहा कि वह यह नहीं कह सकतीं कि पार्टी का निर्णय क्या रहेगा। मेनका ने गत सप्ताह कहा था कि देश को मुखर्जी जैसे राष्ट्रपति की जरूरत है।
दूसरी तरफ नीतीश ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विभिन्न दलों के बीच सर्वसम्मति बनाए जाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की ओर से वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के तुरंत बाद ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मुखर्जी ने उनसे दूरभाष पर बातचीत की थी। उन्होंने कहा कि बातचीत में मुखर्जी को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का आग्रह किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और जदयू के अध्यक्ष एवं राजग के संयोजक शरद यादव से बातचीत करके इस मामले में सर्वसम्मति बनाए जाने की पहल की है।
नीतीश ने कहा कि सभी दलों के बीच इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाए जाने के लिए राजग में एकमत होना आवश्यक है। इसके लिए राजग में प्रयास जारी है। हालांकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने में अभी काफी समय है और इस बीच विभिन्न दलों के बीच सर्वसम्मति के लिए बातचीत हो सकती है।
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