अब राज्य की जनता को रोड डेवलपमेंट फंड के लिए भी टैक्स देना होगा। यह टैक्स पेट्रोल और डीजल की खरीद के वक्त ही ले लिया जाएगा। टैक्स की राशि 25 पैसे से दो रुपए के बीच तय होगी। हर पेट्रोल पंप से बिक्री के आधार पर सेल्स टैक्स विभाग इस कर का संग्रहण करेगा। इसके बाद यह राशि रोड डेवलपमेंट फंड में स्थानांतरित कर दी जाएगी।
यह राशि सड़कों के विकास पर खर्च की जाएंगी। भारत सरकार के गाइड लाइन के आधार पर इसकी नियमावली बनाई गई है। नियमावली में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार रोड डेवलपमेंट फंड के प्रबंध के लिए प्रबंध निकाय का भी गठन कर सकेगी। ’
फंड का प्रशासन एवं प्रबंध’ फंड से आवंटित राशि का समन्वय और समय सीमा के अंदर उपयोग’ राज्य पथों के विकास के लिए विहित स्कीमों को मंजूरी’ ऐसा मानदंड निश्चित करना, जिसके आधार पर पथों के विकास की विशिष्ट परियोजनाओं का अनुमोदन हो सके और फंड से राशि उपलब्ध कराई जा सके। ’
नियमावली की धारा तीन के तहत संग्रहित उपकर सबसे पहले राज्य की संचित निधि में जमा किए जाएंगे। यह राशि राज्य सरकार के नियंत्रण में रहेगी। ’ राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब और मध्यप्रदेश में भारत सरकार के गाइडलाइन के आधार पर रोड डेवलपमेंट फंड की व्यवस्था की गई है।
इसके रूल्स ट्रेस कर लिए गए हैं। वापस लेना पड़ा था प्रस्ताव2011 में वित्त मंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा में इस प्रस्ताव को लाने की बात कही थी। तब सत्ता पक्ष और विपक्ष ने विरोध किया था। उसके बाद सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था।
उस समय सरकार ने कहा था कि इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। सरकार विचार करेगी। एक साल बाद राज्य सरकार इस प्रस्ताव को फिर से आगे बढ़ाने जा रही है।
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