कोयला घोटाले की जांच सीबीआई करेगी. सीएजी रिपोर्ट के आधार पर टीम अन्ना ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए के कोयला घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की थी.
सरकार ने इस मामले को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त(सीबीसी) को सौंपा था और सीवीसी ने इस मामले की जांच सीबीआई को दे दी है. बताया जा रहा है कि सीबीआई के निदेशक ने जांच एजेंसी के उच्च अधिकारियों के साथ इस विषय पर बैठक की है. टीम अन्ना ने कहा था कि वर्ष 2004 से 2009 के दौरान हुए कोयला ब्लाक के आवंटन में सरकारी खजाने को एक लाख 80 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था और इस दौरान कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास था.
पहले सरकार ने इसकी जांच से इनकार कर दिया था पर अब जबकि सरकार ही जांच के लिए मान गई है टीम अन्ना के हौसले और बुलंद हुए हैं. टीम अन्ना के आरोपों को पहले प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने विदेश से लौटते हुए कहा था कि यह गैर जिम्मेदारी भरे आरोप हैं. इसके बाद बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय और कोयला मंत्रालय ने सफाई देकर आवंटन की पूरी प्रक्रिया समझाने का प्रयास किया और यह भी कहा कि कहीं गड़बड़ी नहीं हुई है.
कोयला मंत्रालय यह भी कहता रहा कि सीएजी की रिपोर्ट लोक लेखा समिति में जाएगी तब सरकार जवाब दे देगी पर अब जबकि सीबीआई जांच हो रही है सरकार भारी दबाव में दिख रही है. भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कोयला घोटाले का मामला सीबीसी को सौंपे जाने का स्वागत किया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में सबसे पहले उन्होंने सीवीसी को शिकायत की थी पर उन्हें सूचित नहीं किया गया कि इस मामले की जांच की जा रही है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें