भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जुलाई में एक बार फिर अंतरिक्ष की उड़ान भरेंगी। इससे पहले वह 2006 में छह महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर रहकर काम कर चुकी हैं।
नासा के अनुसार सुनीता का कजाकिस्तान में बैकानूर कॉस्मोड्रोम से 14 जुलाई को अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना होने का कार्यक्रम है। उनके साथ रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के फ्लाइट इंजीनियर यूरी मालेनशेनको और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के अकिहिको होशिदे जाएंगे।
46 वर्षीय सुनीता केंद्र की अंतरिक्ष यात्रा (एक्सपिडीशन 32) के चालक दल की सदस्य में एक फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर जाएंगी और अंतरिक्ष केंद्र पहुंचने पर अंतरिक्ष यात्रा (एक्सपिडीशऩ 33) की कमांडर होंगी।
नासा के मुताबिक सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगियों का केंद्र में कार्यक्रम बहुत व्यस्त होगा। जिसमें दो स्पेसवॉक, जापानी, अमेरिकी वाणिज्यिक तथा रूसी पुन: आपूर्ति यानों का आगमन और तेजी से वैज्ञानिक अनुसंधान शामिल होगा।
सुनीता के पिता गुजरात मूल के हैं। उनका चयन 1998 में नासा ने किया था। उन्हें एक्सपिडीशन 14 की सदस्य के तौर पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में काम सौंपा गया था और बाद में वह एक्सपिडीशन 15 से जुड़ गईं। वह अंतरिक्ष में सर्वाधिक दिन (195) बिताने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं। उन्होंने 1995 में फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। सुनीता ने कहा कि मैं अंतरिक्ष केंद्र की पूरी क्षमताओं के बारे में जानने को आशान्वित हूं।
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