जम्मू एवं कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था यहां रविवार को दो आधार शिविरों के लिए जय-जयकार करते हुए रवाना हो गया। हर-हर महादेव के नारे के साथ हजारों भक्त पवित्र गुफा के लिए जम्मू के बेस कैंप से निकले। उम्मीद है ये भक्त कल बाबा बर्फानी के दर्शन कर पाएंगे। वैसे इसी यात्रा के साथ सुरक्षाकर्मियों की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं।
राज्य के पर्यटन मंत्री नावांग रिग्जिन जोरा और उद्योग मंत्री एस.एस. स्लाथिया ने पहलगाम और बालटाल आधार शिविर के लिए 2,098 तीर्थयात्रियों को रवाना किया। तीर्थयात्रियों के साथ सुरक्षाकर्मी और चिकित्सा वाहन भी हैं।
जोरा ने कहा कि तीर्थयात्री शाम तक आधार शिविरों में पहुंच जाएंगे। वे सोमवार को वहां से दोनों मार्गों पर यात्रा शुरू करेंगे। प्रशासन इस वर्ष चिकित्सकीय सुविधा पर ज्यादा ध्यान दे रहा है, क्योंकि पिछले वर्ष स्वास्थ्य कारणों से 100 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। जोरा ने कहा कि पंजीकरण या चिकित्सकीय स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के बगैर किसी को भी यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
तीर्थयात्रा दो अगस्त तक जारी रहेगी। अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू के बेस कैंप में देश भर से हजारों लोग जमा हो चुके हैं। जबकि पहले जत्थे में 2294 लोगों को कड़ी सुरक्षा में रवाना किया गया। इस बीच यात्रा से एक दिन पहले पुंछ के सुरनकोट में हथियारों का बड़ा जखीरा मिलने से सनसनी फैल गई। सुरक्षा बलों को दो एके-47, 12 हेंड ग्रेनेड, बारह बोर की गन और पिनाका गन के अलावा 200 से अधिक गोलियां मिली हैं। हथियारों का जखीरा मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने यात्रा की सुरक्षा और कड़ी कर दी है।
लकनपुर से लेकर कश्मीर तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से सीआरपीएफ की 57 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसमें 12 कंपनियों को सिर्फ यात्रा के लिए जबकि 45 कंपनियों को घाटी के अलग अलग इलाकों में तैनात की गई हैं। यही नहीं यात्रियों को मौसम की मार भी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि बाबा बर्फानी के आसपास के इलाके पूरी तरह से जमे हुए हैं जबकि पिछले साल मौसम की वजह से ही कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। ऐसे में इस बार साफ कर दिया गया है कि बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को भी यात्रा में नहीं जाने दिया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य सर्टिफिकेट अपने पास रखना भी जरूरी कर दिया गया है।
अब तक यात्रा के लिए साढ़े तीन लाख लोगों ने अपने रजिस्ट्रेशन करवा लिए हैं। बता दें कि अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने के दो रास्ते हैं। एक पहलगाम होकर और दूसरा सोनमर्ग बलटाल से होते हुए। पहलगाम के लिए जम्मू से 315 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है जिसमें 4 दिन लगते हैं जबकि सोनमर्ग बलटाल का रास्ता छोटा पर जोखिम भरा है। इस बार भी दोनों ही यात्राएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा पिछले कई सालों से हेलिकॉप्टर सेवा भी शुरू की गई है। अमरनाथ की यात्रा 39 दिनों तक चलेगी। जबकि उम्मीद है कि पहला जत्था सोमवार को बाबा बर्फानी के दर्शन करेगा। पिछले वर्ष पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 630,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा में हिस्सा लिया था।
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