सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद पहले ही दिन जनरल बिक्रम सिंह ने शुक्रवार को सेना के सामने खड़ी कई चुनौतियों के संकेत दिए। इनमें संयुक्त राष्ट्र कांगो मिशन में तैनाती के दौरान यौन दुराचार संबंधी कई अन्य आरोप भी शामिल है। जनरल सिंह ने कहा कि ऐसे किसी भी विवाद को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
ब्रिकम सिंह ने गार्ड ऑफ ऑनर का सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा कि उनकी प्राथमिकता सेना को धर्मनिरपेक्ष, गैर राजनीतिक बल बनाए रखने का होगी। गौरतलब है कि बिक्रम सिंह दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी सेना का प्रतिष्ठित पद संभालने वाले 27 वें सेना प्रमुख है तथा 25 वें भारतीय है।
जनरल वी.के.सिंह से कार्यभार ग्रहण करने वाले बिक्रम सिंह ने कहा कि 11.30 लाख सैनिकों वाली इस सेना की सभी इकाइयां और इसके कमांडर इस संगठन की आंतरिक सेहत सुधारने के लिए काम करते है और यह प्रयास लगातार जारी रहेगा। बिक्रम सिंह, सेना प्रमुख का पद संभालने वाले सिख समुदाय के दूसरे व्यक्ति है। उन्हे कई कठिनाइयों से उबरना है। इसमें एक कानूनी जंग भी शामिल है,जिसके कारण उन्हे सेना प्रमुख का पद संभालने से रोकने की कोशिश भी हुई थी।
बिक्रम सिंह, संयुक्त राष्ट्र कांगो मिशन के उप कमान अधिकारी थे, जब संयुक्त राष्ट्र के निगरानी दल ने भारतीय बलों पर स्थानीय महिलाओं के यौन शोषण में लिप्त होने का संकेत दिया था।
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