द्रोण नगरी के नाम से जानी जाने वाली दून नगरी का स्वरूप अब आपराधिक नगरी के रूप में बदल रहा है। जनता दहशत के माहौल में जी रही है और बदमाशों का कहर जनता के सिर चढ कर बोल रहा है। पुलिस व्यवस्थाओं की बात करें तो थाना पुलिस अपने क्षेत्रों में गश्त करना तो दूर थाने से बाहर ही निकलने से कतरा रही है। इसके परिणाम भी सामने आ रहे है। दिनदहाडे घरेंा के ताले टूट रहे हैं तो डकैतों और लुटेरों का राज कायम हो चुका है। खाकी का भय बदमाशों में तो दूर की बात है आम जनता तक में नहीं है। पूरा नगर बदमाशों के आतंक से जूझ रहा है और अधिकारी हैं कि पीक सीजन में सैर सपाटै में मशगूल है। देहरादून पुलिस अपराधियों एवं अपराध पर अंकुश कस पाने में पूरी तरह से धूल चाट चुकी है। अधिकारियों में भी ऐसा कोई दम नजर नहीं आ रहा है है कि वह अपनी अधीनस्थों को कस सकें। इसका पूरा लाभ मिल रहा है चोर उचक्कों एवं लुटेरों को। इसी का एक ज्वलंत उदाहरण विकासनगर क्षेत्र में सामने आया है जहां लुटेरों ने पुलिस की नाक के नीचे हिंसा का नंगा नाच खेलते हुए एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया और घर में लूटपाट करने के बाद आसानी से फरार हो गए। हर बार की तरह इस बार भी पुलिस अपनी नाकामियों का पिटारा लेकर मौके पर पहुंची लेकिन सिवाए अपने अनुमान के घोड़े दौड़ाने से अधिक कुछ नहीं कर पाई।
विकासनगर क्षेत्र बाबूगढ में देर रात बदमाशों ने धावा बोलते हुए एक प्रोपर्टी डीलर को मौत के घाट उतार दिया। बदमाशों ने पूरे परिवार को बंधक बनाया और पूरी तसल्ली के साथ घर का एक-एक कोना खंगाल डाला। यही नहीं बदमाशों ने घर के लोगों को बेहद बेदर्दी से पीटा जिसमें पति समेत पत्नी व उनके पुत्र की बुरी तरह से पिटाई भी की गयी। इसके बाद बदमाशों ने पूरे घर की तलाशी ली और घर में रखा जेवर, नगदी व अन्य सामान लूट लिया। लूटपाट करने के बाद बदमाश आसानी से फरार हो गए। बदमाशों के जाने के बाद बंधक बनाए लोगों ने किसी तरह से अपने को आजाद किया लेकिन तब तक प्रोपर्टी डीलर बुरी तरह से घायल होकर अचेत पड़ चुका था। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटनाक्रम के अनुसार बाबूगढ विकासनगर मे एक प्रोपर्टी डीलर के घर पर सशस्त्र बदमाशों का आतंक फूटा। बदमाशों की पिटाई से ५० वर्षीय योगेंद्र मित्तल पुत्र स्व ओम प्रकाश मित्तल की मौत हो गयी। घटना को देर रात लगभग देर रात लगभग डेढ बजे अंजाम दिया गया। बदमााशों ने योगेंद्र और उसकी पत्नी नीलम व पुत्र पर कंबल डाल कर उन्हें बंधक बना लिया। बदमाशों ने योगेंद्र से घर में रखी नगदी एवं जेवरात मांगे। योगेंद्र ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसकी बुरी तरह से पिटाई करते हुए उन्हें घायल कर दिया। बदमाशों ने उसकी पत्नी नीलम व पुत्र के उपर भी कंबल डाल दिया और दोनों के हाथ बांध दिए। दोनों ने हल्ला मचाना चाहा तो इनकी भी बुरी तरह से पिटाई की गयी। घर में लूटपाट मचाने के बाद बदमाश वहां से चंपत हो गए। इधर नीलम व उसके पुत्र ने खुद को किसी तरह से आजाद किया और अपनी कार से योगेंद्र को लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन उपचार के दौरान योगेंद्र ने दम तोड़ दिया।
घटना की जानकारी देते हुए विकासनगर पुलिस ने बताया कि घटना के बारे काफी देर बाद पुलिस को सूचना दी गयी जिस कारण बदमाशों की तलाशी में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में नीलम ने बताया कि बदताशों की संख्या चार थी और यह लोग दुकान के रास्ते अंदर कमरे तक पहुंचे थे। इन लोगों ने योगेंद्र को आवाज देकर दरवाजा खुलवाया था। पीड़ितों के अनुसार इन बदमाशों के पास तमंचे व धारदार हथियार भी थे। उधर पुलिस इस प्रकरण को संपत्ति विवाद से भी जोड़ रही है। पुलिस के अनुसार मृतक योगेंद्र पर संपत्तियों से जुडे कई मामले दर्ज थे तथा कई विवादित संपत्तियों में उसका नाम सामने आया था। पुलिस इसी आधार पर इस घटना को पुरानी रंजिश से भी जोड़ कर देख रही है। बदमाशों का स्कैच तैयार किया जा रहा है।
(राजेन्द्र जोशी)
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