महादलित विकास मिशन व ब्रिटिश लिंग्वा के माध्यम से सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना का शुभारंभ जून के दूसरे सप्ताह से होने जा रहा है. इसका उद्देश्य महादलितों को अंग्रेजी सिखाकर उनका विकास करना है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत छह जिले पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और मधुबनी आवंटित किये गये हैं.
दलितों की 22 जातियों में से पासवान को छोड़कर 21 जातियों को रखा गया है, जो कि बिहार की पूरी आबादी की पंद्रह प्रतिशत हैं. उनके विकास के लिए इस योजना को शुरू किया गया है. प्रत्येक जिले के अस्सी छात्रों को चालीस के बैच में बांटकर प्रति सप्ताह छह दिन में प्रतिदिन चार घंटे की कक्षा लगायी जायेगी, जिसके अंतर्गत उन्हें अंग्रेजी व्याकरण, स्ट्रक्चर्स, र्वड मीनिंग एवं शुद्ध उच्चारण की ट्रेनिंग दी जायेगी. इस कार्यक्रम के दौरान ऑडियो-वीडियो का इस्तेमाल इस प्रकार से किया जायेगा जिससे कि समाज का यह सबसे पिछड़ा वर्ग धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल सके.
पहली बार चलाई जा रही इस योजना से महादलित भी खुश हैं. तीन महीने तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से महादलित वर्ग के छात्रों का भविष्य बेहतर होगा और उनके लिए संभावनाओं के द्वार खुलेंगे. संस्थान के प्रबंध निदेशक डॉ. बीरबल झा ने बताया कि इसके अलावा छात्रों को पर्सनालिटी डेवलपमेंट के तहत इंटरव्यू स्किल का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा जिससे कि उनके अंदर रोजगारपरकता का विकास हो सके. इससे अंग्रेजी का ज्ञान नहीं होने की वजह से पिछड़ने वाले महादलितों को रोजगार पाने में काफी मदद मिलेगी
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