आपदा राहत कार्यों में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने शुक्रवार को सचिवालय में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों में आपदा राहत की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि लापरवाह अधिकारियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जिलाधिकारियों को चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में खाद्यान्न, केरोसीन, पेयजल, दवाईयां, दूध, आवश्यक उपकरण व वैकल्पिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था सुनिश्चित कर लेने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। सभी जिलों को 25-25 लाख रूपए की राशि भेज दी गई है। शीघ्र ही एक-एक करोड़ रूपए और भेजे जाएंगें। प्रभावितों को स्वीकृत मुआवजा राशि में राज्य सरकार ने पर्याप्त वृद्धि की है। जिला व तहसील स्तर से प्रभावितों को मुआवजा अविलम्ब वितरित किया जाए। एसडीएम व तहसीलदारों को मुआवजा स्वीकृत करने की सीमा को भी बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन को जिला व तहसील स्तर पर बनाए गए सभी कंट्रोल रूम के नम्बर मंगवा कर उनका परीक्षण करवाने के निर्देश दिए। इन नम्बरों को अखबारों व राष्ट्रीय राजमार्गों पर होर्डिंग के माध्यम से प्रचारित किया जाए। साथ ही जिलाधिकारियों को आपदा कंट्रोल रूम में तैनात किए गए अधिकारियों व कर्मचारियों को पर्याप्त ट्रेनिंग दिए जाने के लिए निर्देशित किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों व शासन में समन्वय स्थापित किये जाने पर बल देते हुए कहा कि आपसी सम्पर्क के लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को अर्धसैनिक बलों, बीआरओ व अन्य संस्थाओं से भी समन्वय बनाने को कहा ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सहायता ली जा सके। रिसोर्स मैपिंग करने के निर्देश भी दिए गए।
भूस्खलन से मार्ग बंद होने को गम्भीरता लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि फंसे यात्रियों के लिए आश्रय, पानी, दूध व भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सड़क बंद होने की स्थिति में ट्रेफिक को पहले ही रोक दिया जाए। भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी मशीन रखीं जाएं ताकि कम समय में मार्गों को पुनः खोला जा सके। रात में आपदा राहत कार्यों में दिक्कतों को कम करने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को 50-50 इमरजेंसी लाईट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलों में आवश्यकतानुसार सैटेलाईट फोन, गैस कटर व अन्य उपकरण उपलब्ध करवाने को कहा। सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी तैयारियां दुरूस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि दवाईयों व अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाएं। देहरादून में जिला प्रशासन को नालियों की सफाई व पानी जमा होने वाले स्थानों में पानी की निकासी के लिए पम्पिंग सेट की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन, प्रमुख सचिव लोक निर्माण एस राजू, प्रमुख सचिव आपदा प्रबंधन ओम प्रकाश, प्रमुख सचिव नियोजन एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री डीके कोटिया, आयुक्त गढ़वाल कुणाल शर्मा, आयुक्त कुमायूं हेमलता ढोंढ़ियाल सहित तमाम जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
(राजेन्द्र जोशी)
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