देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) की ओर से प्रस्तावित प्रवेश प्ररीक्षा के फॉर्मूले पर बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय और आईआईटी परिषद के बीच सहमति बन गई। आईआईटी परिषद की राजधानी दिल्ली में हुई बैठक में इस पर समझौता हुआ। यह बैठक प्रस्तावित संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। बैठक में सभी आईआईटी के निदेशकों ने हिस्सा लिया।
आईआईटी कानपुर के संचालक मंडल के अध्यक्ष एम. आनंदकृष्णन ने कहा, "हमने शनिवार की बैठक में सुझाए गए फॉर्मूले को अपनाने पर एकमत से निर्णय लिया। एडवांस टेस्ट का नियंत्रण आईआईटी के पास होगा।" नए फॉर्मूले के अनुसार, आईआईटी सभी बोर्ड के शीर्ष 20 प्रतिशत अंक लेगा और फिर अंतिम परीक्षा का आयोजन करेगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल इस बैठक में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वह इस मुद्दे पर किसी तरह के राजनीतिक विवाद से बचना चाहते थे। यदि नए फामूर्ले को मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया तो यह वर्ष 2013 से प्रभावी हो जाएगा।
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