प्रणब मुखर्जी होंगे देश के 13 वें राष्ट्रपति। प्रणब मुखर्जी अब 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इसी बीच संसद भवन में वोटों की गिनती का काम जारी है। प्रणब मुखर्जी की जीत लगभग तय है। हालांकि जीत का औपचारिक ऐलान होना अभी बाकी हैं लेकिन प्रणब के प्रशंसकों ने दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक उनके घर के बाहर जश्न मनाना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रपति चुने जाने पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इस चुनाव में आम चुनावों जैसा माहौल बन गया था। मैं उन तमाम लोगों का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने पार्टी लाइन से आगे बढ़कर मेरा समर्थन किया।
संसद भवन के हॉल नंबर 63 में वोटिंग का काम चल रहा है। सांसदों के वोटों की गिनती का काम पूरा हो गया है। प्रणब मुखर्जी को 527 जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पी ए संगमा को 206 सांसदों के वोट मिले हैं। 15 सांसदों के वोट अवैध घोषित किए गए हैं। सांसदों के वोटों की गिनती के बाद अब विधायकों के वोट गिने जा रहे हैं। अब तक प्रणब को मिले वोटों का मूल्य 5 लाख 58 हजार 720 है, जबकि संगमा को मिले वोटों का मूल्य 2 लाख 13 हजार 641 है। प्रणब को जैसे ही 5 लाख 25 हजार 140 वोट मिलते हैं, वो राष्ट्रपति पद के लिए विजयी घोषित कर दिए जाएंगे।
वोटिंग के मद्देनजर संसद भवन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सरकार की तरफ से पी चिदंबरम, पवन बंसल, नारायणसामी, गिरिजा व्यास सरीखे कई बड़े नेता मतगणना स्थल पर मौजूद हैं। (लाइव मतगणना का हाल जानने के लिए यहां क्लिक करें)
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद मुखर्जी की जीत और पुख्ता हो गई। यूपीए के घटक दलों के साथ ही एसपी, बीएसपी, लेफ्ट पार्टियां और विपक्षी गठबंधन एनडीए के जद-यू और शिवसेना भी पूर्व वित्तमंत्री को समर्थन दे रहे हैं। यूपीए का दावा है कि प्रणब को करीब 70 फीसदी वोट मिलेंगे। कुछ विपक्षी पार्टियों ने संगमा को समर्थन दिया। 19 जुलाई को राष्ट्रपति चुनावों के लिए विधायकों और सांसदों ने मतदान किया था। वोट संख्या कुल 11 लाख है। इसमें से 72 प्रतिशत ही मतदान हुआ। जो करीब 8 लाख है। मुखर्जी को 5.6 लाख वोट मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होगा। नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई को शपथ दिलाई जाएगी।
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