गुजरात के मेहसाणा में दीपदा दरवाजा नरसंहार मामले में कुल 22 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। मेहसाणा के दीपदा दरवाजा दंगे में आज अहम फैसला सुना दिया गया। कोर्ट ने कुल 83 में से 61 आरोपियों को बरी कर दिया है जबकि 22 को दोषी पाया गया है। 22 आरोपियों में से 21 कत्ल की कोशिश और 1 जांच अधिकारी एन के पटेल को पद के दुरुपयोग का दोषी पाया गया है। पूर्व बीजेपी विधायक को पद के दुरुपयोग के आरोप से मुक्त कर दिया गया है।
2002 के गुजरात दंगों में यहां एक ही परिवार के 11 लोगों का कत्ल कर दिया गया था। 22 आरोपियों को दोषी करार देते हुए जज एससी श्रीवास्तव 61 अन्य को बरी कर दिया जिसमें की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक प्रह्लादभाई मोहनलाल पटेल (गोसा) भी शामिल हैं।
सभी 83 आरोपियों को दीपदा दरवाजा नरसंहार मामले में कत्ल के आरोपों से मुक्त कर दिया गया। 22 में से 21 को कत्ल की कोशिश का दोषी पाया गया जबकि एक को पद के दुरुपयोग के मामले में दोषी ठहराया गया। मेहसाणा जिले के विसनगर से विधायक प्रह्लादभाई मोहनलाल पटेल (गोसा) को पद के दुरुपयोग के आरोप से मुक्त कर दिया गया।
2002 के गुजरात दंगों में 28 फरवरी के दिन बेकाबू भीड़ ने मेहसाणा जिले के विसनगर टाउन के दीपदा दरवाजा इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों का कत्ल कर दिया था जिसमें 2 बच्चे और एक 65 साल की वृद्ध महिला भी शामिल थी।
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