झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कृषि की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार सूखा राहत के लिए 410 करोड़ रुपये खर्च करेगी. सूखा राहत के लिए मुख्यमंत्री आवास पर उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया.
बैठक में तय किया गया कि किसानों को प्रति एकड़ 600 रुपये डीजल सब्सिडी के रूप में दिये जायेंगे. करीब 45 लाख हेक्टेयर खेती के लिए यह सुविधा दी जा सकेगी. इस पर करीब 150 करोड़ रुपये खर्च आयेगा. केसीसी के किसानों को 240 करोड़ रुपये ब्याज रहित ऋण मिलेगा. वैकल्पिक खेती के तहत किसानों को अनुदान पर 30 हजार क्विंटल बीज दिये जायेंगे. इसके लिए विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
बैठक में तय किया गया कि केंद्र से आग्रह किया जायेगा कि फसल बीमा की अवधि 30 अगस्त तक बढ़ा दिया जाये. मुख्यमंत्री ने राज्य में 40 हजार करोड़ रुपये के दलहन और तेलहन की खपत को देखते हुए यहां इनकी खेती बढ़ाये जाने पर जोर दिया.
मुख्यमंत्री ने गोड्डा जिले में भनभनियां कीट से धान की फसल को हो रहे नुकसान की भी जानकारी ली. क्षति के विरुद्ध किसानों को अनुदान देने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि जुलाई में अब तक 256 मिमी के आसपास बारिश हुई है, जो औसत से 22 फीसदी कम है. बैठक में विकास आयुक्त देवाशीष गुप्ता, कृषि विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह, सीएम सचिवालय की सचिव अलका तिवारी, योजना विभाग के सचिव अविनाश कुमार, कृषि निदेशक केके सोन व समेति के निदेशक जटाशंकर चौधरी मौजूद थे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें