भोपाल के चिर परिचित कवि-फिल्मकार अनिल गोयल द्वारा रचित कविता पोस्टर्स भोपाल, विदिशा, जयपुर, दिल्ली, गुवाहाटी के युवाओं ने दिल्ली के जंतर मंतर में अन्ना हजारे को भेंट किये. इस मौके पर अंतर्नाद द्वारा बनाई अनिल गोयल के गीतों की सी डी 'नई आज़ादी' का लोकार्पण भी हुआ. उनके ग़ज़ल संग्रह को अन्ना हजारे के साथ मंचासीन किरण बेदी, प्रशांत भूषण, कुमार विश्वास आदि ने सराहा. दीप्ति ने "अभी नहीं तो कब बोलोगे' ग़ज़ल का ओजस्वी अंदाज़ मन वाचन किया जिसे आन्दोलन में शामिल जन समूह ने तालियों की गढ़गढ़ाहट के साथ पसंद किया. 'अभी नहीं तो कब बोलोगे', 'श्रीमंत ना युवराज अब, हो आम के सर ताज अब', 'हूर के पहलू में है लंगूर क्या कर लीजिये' और 'रहते थे मोहताज़ जो दानों दानों के/ आज बने हैं मालिक कई खदानों के" गजलों के पेम्पलेट भी वितरित किये गये.
शनिवार, 28 जुलाई 2012
जंतर मंतर से गूंजा अनिल गोयल का अंदाज़
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